पढ़ई हमर पारा” अंतर्गत बाकारूमा में चल रहा छात्रों का क्लास।

पढ़ई हमर पारा” अंतर्गत बाकारूमा में चल रहा छात्रों का क्लास

✍शासन के दिशा निर्देश अनुसार हो रहा कक्षा का संचालन

धरमजयगढ़ इन दिनों रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकास खण्ड के बाकारूमा में छात्र – छात्रों को पढ़ाई कराने के लिए शिक्षा विभाग और रायगढ़ जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। कॉरोनकाल में बच्चों की पढ़ाई मद्दे नज़र छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु मोबाईल नेटवर्क स्मार्ट फोन की अनुपलब्धता तथा सुदूर इलाकों में रहने वाले छात्रों को अन्य वैकल्पिक तरीकों से पढ़ाई करवायी जा रही है।

ऐसे ही वैकल्पिक माध्यमों से “पढ़ई हमर पारा” के जरिये रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ ब्लॉक के सुदूर इलाके में बसे ग्रामीण अंचल ग्राम बाकारूमा में शिक्षक – शिक्षकों के द्वारा प्राथमिक शाला बच्चों को पठन पाठन कार्य की जा रही है। धरमजयगढ़ ब्लॉक के विभिन्न संकुलों के शिक्षक ऐसी ही सुदूर ग्रामीण अंचल के मोहल्लों में जहाँ इनटरनेट की सुविधा नहीं है, वहाँ पर भी पहुँचकर गाँव के ही किसी के बरामदे अथवा किसी अन्य स्थलों का चयन कर सामाजिक दूरी व अन्य कोविड 19 सम्बंधित शासन के दिशा – निर्देशों का पूर्णतः पालन करते हुए बच्चों को “पढ़ई हमर पारा” के माध्यम से अध्यापन कार्य कर रहे हैं।

इसी तारतम्य में धरमजयगढ़ विकास खण्ड में शिक्षकों द्वारा पहुंच विहीन स्थलों में लक्षित बच्चों तक ऑफलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिले में हुई समीक्षा बैठक में जिला पंचायत सीईओ सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को तमाम पहुंच विहीन क्षेत्र के बच्चों को ऑफलाइन माध्यम से शिक्षा से जोड़ने के लिए तमाम संख्यात्मक आंकड़े जमा करते हुए योजना बनाकर चर्चा पत्र में उल्लेखित व निर्देशित शिक्षा के सभी 8 वैकल्पिक माध्यमों को स्थिति अनुरूप अपनाने हेतु निर्देशित किया गया है।

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