एक दिन के उपवास पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव, कहा- किसानों के आंदोलन जारी रहने तक सप्ताह में एक दिन उनका उपवास

रायपुर. केंद्र के कृषि संबंधी तीनों कानूनों के खिलाफ सिंहदेव पहले भी मुखर रहे हैं।
- कामकाज करते हुए उपवास पर हैं टीएस सिंहदेव
- कहा- सभी को अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए
केंद्र सरकार के कृषि संबंधी तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली को घेरकर बैठे किसानों का समर्थन बढ़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव बुधवार को किसानों के समर्थन में एक दिन के उपवास पर हैं।
टीएस सिंहदेव ने कहा, यह किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए है। हम सभी को उनके लिए आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा, जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं हो जाती अथवा जब तक आंदोलन चलता है, वे सप्ताह में एक दिन उपवास पर रहेंगे।
के निवास कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सिंहदेव उपवास के दौरान सामान्य प्रशासनिक-राजनीतिक कामकाज जारी रखेंगे। यह उपवास आंदोलनरत किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए प्रतीकात्मक होगा।
टीएस सिंहदेव ने सोमवार को कही थी उपवास की बात
टीएस सिंहदेव ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा, हमारे अन्नदाताओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ 23 दिसम्बर को मैं एक दिन के उपवास पर बैठ रहा हूं। सिंहदेव ने लिखा, जो हाथ हमें अन्न देते हैं उनको मोदी सरकार ने ठंढ में ठिठुरने के लिए मजबूर कर दिया है। हम सभी को किसानों के खिलाफ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के विरोध में किसान बजाएंगे थाली
इधर, पिछले 14 दिसम्बर से रायपुर स्थित धरना स्थल पर क्रमिक अनशन कर रहे छत्तीसगढ़ किसान-मजदूर महासंघ ने अनशन समाप्त कर दिया है। तय हुआ है कि किसान संगठन 27 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के प्रसारण के दौरान प्रदेश भर में थाली बजाकर विरोध जताएंगे।
छत्तीसगढ़ किसान-मजदूर महासंघ संयोजक मंडल के डॉ. संकेत ठाकुर ने बताया, महासंघ के घटक दलों ने आंदोलन को पूरे प्रदेश में फैलाने का फैसला किया है। इसके तहत धमतरी, बिलासपुर, राजनांदगांव, सारंगढ़ और दुर्ग-भिलाई में प्रदर्शन शुरू हुए हैं।

किसानों के समर्थन में सूबे के कई नगरों-गांवों में धरने हो रहे हैं।
किसान संगठन गांवों में छोटी-छोटी बैठकें कर किसानों को जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। डॉक्टर संकेत ठाकुर ने बताया, गांवों में बहुत से लोगों ने कहा, उन्हें बहुत देर में आंदोलन का पता लगा। लोगों मेंं नये कानूनों के खिलाफ नाराजगी है, लेकिन वह इसे अभिव्यक्त करने का कोई वैधानिक तरीका नहीं पा रहे हैं।
वामदलों ने भी शुरू किया उपवास
उधर, किसानों के समर्थन में वामपंथी राजनीतिक संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने भी आज उपवास रखा है। माकपा के धर्मराज महापात्र ने बताया कि विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता सुबह 11 बजे से रायपुर की डॉक्टर आम्बेडकर प्रतिमा के पास सामूहिक उपवास पर बैठे हैं।
साभार: दैनिक भास्कर