कार्रवाई के विरोध में क्रशर बंद, डेढ़ गुना हुए गिट्टी के भाव
दूसरे लीज धारक की रायल्टी पर्ची के इस्तेमाल, छह पर कार्रवाई हुई तो समर्थन में 100 से अधिक क्रशर बंद
रायगढ़. अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए की गई कार्रवाई के बाद कारोबारियों और विभागों में ठनी है उसका सीधा असर लोगों पर पड़ रहा है। पहले टिमरलगा और गुड़ेली के क्रशर से रायगढ़ डिलीवरी पर जिस गिट्टी का भाव (भाड़ा समेत) 560 से 600 रुपए टन था अब खरसिया से 800 रुपए टन पर आ रही है। यानि शहर में ग्राहक को एक हाइवा (20 टन) गिट्टी के 12 हजार के बदले 16 हजार रुपए देने पड़ रहे हैं। खनिज और राजस्व विभाग की टीम ने सारंगढ़ के गुड़ेली के छह क्रशरों पर छापा मारा, अनियमितता पर इस प्लांटों को बंद करा दिया गया था। इनके समर्थन में बाकी क्रशरों ने प्लांट बंद कर दिए। शहर में गिट्टी की मारामारी है। 100 से अधिक क्रशर प्लांटों से रायगढ़ जिले के साथ ही ओडिशा तक गिट्टी की सप्लाई होती है। कार्रवाई के बाद अब क्रशर सब कुछ बंद पड़े हुए हैं। इसलिए बढ़ा अवैध खनन और परिवहन- टिमरलगा, गुड़ेली, कटंगपाली, साल्हेओना, सेंदुरस, सरसरा और नेतनागर में 100 से अधिक क्रशर हैं। इनमें 70 प्रतिशत क्रशर संचालकों के पास लीज नहीं है। ये लोग गांव के गुंडों और दबंगों द्वारा अवैध खनन कर निकाले गए पत्थर खरीदते हैं। इनसे गिट्टी बनाकर बेचते हैं। अवैध खनन के लिए हर गांव में अवैध खनन करने वालों की टीम है, इन्हें राजनीतिक संरक्षण है। बिना लीज वाले क्रशर संचालक इनसे पत्थर खरीदते हैं, गिट्टी बेचने के लिए रायल्टी पर्ची ये लोग लीजधारी क्रशर संचालकों से लेते हैं। ऐसा करने वालों की दलील है कि सरकार को रायल्टी तो मिल रही है लेकिन पुलिस और खनिज विभाग का कहना है कि यह गैर कानूनी है, इससे अवैध खनन और परिवहन को बढ़ावा मिल रहा है। अवैध खनन करने के लिए बड़े पैमाने पर इस इलाके में ओडिशा से अवैध तरीके से विस्फोटक मंगाया जाता है।
कारोबारियों की दलील: लीज लेना मुश्किल
नए नियमों के मुताबिक खदान की लीज धारक को माइनिंग प्लान देना होता है। मतलब उसे बताना पड़ता है कि वह सालभर में खदान से कितने टन पत्थर निकालेगा। उत्पादन और बिक्री उससे ज्यादा होती है। ऐसे में क्रशर चलाने वाले कच्चा माल यानि बोल्डर अवैध खनन करने वालों से लेते हैं। कारोबारी कहते हैं कि वे लीज तो लेना चाहते हैं, आवेदन भी किया है लेकिन लीज प्राप्त करना कठिन है। खनिज विभाग को अवैध खनन करने वालों की जानकारी है लेकिन राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं होती।
…इसके बाद संचालकों ने बंद किए क्रशर
सारंगढ़ पुलिस ने 28 नवंबर को गुड़ेली के एसएस मिनरल पर छापा मारा। यहां पुलिस को भानूदास मिनरल गुड़ेली, अपूर्वा, मनीष मिनरल्स गुड़ेली और मां नाथलदाई और सर्व मंगला क्रशर की रायल्टी पर्ची मिली। पुलिस ने क्रशर संचालक श्यामलाल उर्फ राबर्ट अग्रवाल के विरुद्ध 420 के तहत अपराध दर्ज किया। आए दिन अलग-अलग मामलों में सुर्खियों में रहे वाला राबर्ट उसके बाद से फरार है। क्रशर को सील कर दिया गया। इसके बाद 30 नवंबर को खनिज विभाग की टीम ने गुड़ेली में अपूर्वा ग्रामोद्योग, जगदंबा पावरटेक, मां नाथलदाई और सर्व मंगला क्रशर प्लांट को सील कर दिया। अगले दिन दीपक सिंघल का क्रशर भी सील किया गया।
स्टॉक इंट्री नहीं, पर्यावरण नियमों की भी अनदेखी
“क्रशरों उद्योगों में छापा मारने के बाद छह क्रशरों को बंद कराया गया है। इनमें स्टॉक इंट्री व पर्यावरण नियमों की अनदेखी पाई गई है। क्रशर संचालकों ने स्टॉक वेरिफिकेशन रिकार्ड प्रस्तुत नहीं कर पाए है। भण्डारण और क्रशर के रिकार्ड भी नहीं रखे जाते हैं। इन्हें नोटिस देने की तैयारी कर रहे हैं।”
-अवधेश बारिक, एएमओ, खनिज विभाग
साभार: दैनिक भास्कर