किसान बिल के विरोध में किसान सभा ने किया प्रदर्शन

बाराद्वार. किसान विरोधी नए कानून व बिजली कानून वापस लो के नारों के साथ सोमवार को जेठा के किसानों ने रेलवे क्रासिंग के नजदीक एनएच पर प्रदर्शन किया। किसान सभा के नेतृत्व में किसानों ने 25 मिनट तक जमकर नारेबाजी की। किसान सभा के प्रदर्शन और चक्का जाम आंदोलन में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कामरेड अनिल शर्मा ने बताया कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अपने मित्रों और अपने स्थानीय पूंजीपति औद्योगिक घरानों को लाभ दिलाने के उद्देश्य से बिल तैयार किए गए हैं। इस बिल के अनुसार किसानों के खून पसीने की 16 हजार करोड़ से ज्यादा का कृषि व्यापार में ज्यादा लाभ दिलाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार तीनों नए काले कृषि कानून को हरी झंडी दी जा रही है। केंद्र के इस फैसले के बाद किसानों को भारी नुकसान होगा। इसलिए कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने का उल्लेख नहीं किया गया है।
सरकार से 20 क्विंटल खरीदी की मांग
इस दौरान किसान सभा के अनिल शर्मा ने स्थानीय सरकार से भी प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने की मांग की है। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार अभी प्रत्येक किसान से प्रति एकड़ मात्र 15 एकड़ धान ही खरीदा जा रहा है। जबकि इस बार प्रति एकड अनुमानित उत्पादन दो से तीन क्विंटल तक ज्यादा हुई है।
इसलिए आंदोलन करने उतरे किसान
इस आंदोलन को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष रखा गया था। लेकिन केंद्रीय मंत्रियों के बीच 9 दिसंबर को दिल्ली में यह वार्ता असफल हो गई। जिसके बाद किसान सभा द्वारा जेठा में यह आंदोलन किया गया है।
साभार: दैनिक भास्कर

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