कूट वाले प्रश्न को हल करने में लगा ज्यादा समय छत्तीसगढ़ी व्यंजन और त्योहार के प्रश्न पर उलझे

शिक्षाविद कह रहे प्रश्नों का चयन यूपीएससी स्तर जैसा, इसलिए 110 से अधिक अंक आ रहे हों, तो शुरू कर दें मेंस की तैयारी
जांजगीर. राज्य लोक सेवा आयोग की प्री लिम्स की परीक्षा रविवार को हुई। परीक्षार्थियों के अनुसार इस परीक्षा में पूछे गए प्रश्न पिछले परीक्षाओं से ज्यादा कठिन और उलझाने वाले रहे। कूट वाले प्रश्नों को हल करने में परीक्षार्थियों को अधिक समय लगा तो छत्तीसगढ़ के व्यंजन, गोधन न्याय योजना और बहुराचौथ, देहरौरी कब बनाई जाती है जैसे प्रश्नों में उलझ गए। परीक्षा के बाद स्टूडेंट्स शिक्षा विद् के ब्लॉग और वॉल पर कमेंट रोचक और व्यंगात्मक कमेंट किए। रायगढ़ के शिक्षाविद् अबरार हुसैन के फेसबुक वॉल पर एक परीक्षार्थी ने लिखा कूट वाले प्रश्न पूछकर पीएससी ने सबको कूट कर रख दिया। इसके अलावा अन्य स्टूडेंट्स ने भी उनकी बात पर सहमति जताते हुए अलग-अलग तर्क रखे और प्रश्नों के पैटर्न को अलग और कठिन बताया। उनके मुताबिक दूसरी पाली की सी-सेट क्वालीफाइंग राउंड में भी मुश्किल प्रश्न पूछे गए। इसमें एप्टीट्यूट, रिजनिंग, छत्तीसगढ़ी और हिंदी के प्रश्न पूछे गए थे। पीएससी द्वारा इस बार किए गए प्रश्नों के चयन को शिक्षाविदों ने भी कठिन बताया। उनके मुताबिक इस बार प्रतियोगियों के बीच प्रतिस्पर्धा अधिक होने की बात कही। कुछ ने यह भी किया कि कोविड में जिस तरह से कोचिंग और स्टडी मटेरियल की उपलब्धता अभ्यार्थियों के पास नहीं थी। ऐसे आसान प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद थी, लेकिन राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा पिछली परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के विपरीत जाकर यूपीएससी पैटर्न पर प्रश्न पूछे गए। कई प्रश्न इतने कठिन थे कि उनको हल करने में काफी समय निकल गया। चूंकि पेपर कठिन था इसलिए कम नंबर पर भी अभ्यर्थियों का चुनाव मेन एग्जाम के लिए हो सकता है।
तीन विकल्प देकर परीक्षार्थियों से पूछा चारों सही
परीक्षा में भारत की लोक चित्रकलाओं से संबंधित कथनों पर विचार कीजिए तथा सही उत्तर दीजिए। नीचे इससे संबंधित तीन कथन और जवाब में तीन विकल्प दिए गए, लेकिन आखिर में पूछ लिया उपरोक्त में से चारो सही। कुछ शिक्षा विद इस तर्क मान रहे तो कुछ इसे गलत बता रहे हैं। हालांकि परीक्षार्थी इसे लेकर तरह-तरह के कमेंट सोशल मीडिया और प्रतियोगी परीक्षआों से जुड़े ग्रुप में कर रहे हैं।
पहली पाली में 452 दूसरी में 478 अनुपस्थित
इस परीक्षा के लिए जिले के 4308 परीक्षार्थियों के लिए 12 सेंटर बनाए गए थे। पहली पाली सामान्य अध्ययन की 12 बजे समाप्त हुई। इस परीक्षा में 43 सौ 8 परीक्षार्थियों में से 452 अनुपस्थित रहे। वहीं पहले पेपर में कठिन प्रश्नों से नंबर कम आने के कारण दूसरी पाली सी-सेट की परीक्षा में अनुपस्थिति का अंतर बढ़कर 478 तक पहुंच गया।
प्रश्नों का पैटर्न पिछली परीक्षाओं से अलग: हुसैन
” सीजीपीएससी द्वारा प्रश्नों का चयन पिछली परीक्षाओं की तुलना में अलग था। लोक नृत्य से संबंधित गणतंत्र दिवस पर झांकी हो या फिर एक्शन ह्यूमेरियन अवार्ड ऐसे प्रश्नों का जवाब इंडियन सामान्य अध्ययन में दे पाना मुश्किल होता है। कोविड के चलते बच्चे कोचिंग से दूर थे, स्टडी मटेरियल की उपलब्धता भी कम थी, प्रतिस्पर्धा अधिक होने का अनुमान है।’’
-अबरार हुसैन, शिक्षाविद् रायगढ़
साभार: दैनिक भास्कर

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