कोरोनाकाल में ऑनलाइन क्राइम के मामलों में उछाल, 6 महीने में 64 केस आए सामने

रायगढ़. लॉकडाउन से मोबाइल-इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा तो अपराधियों ने इसे क्राइम का जरिया बनाया, हर महीने 10 से अधिक अपराध मोबाइल-इंटरनेट से जुड़े हुए
कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में लोग घरों में रहे। स्कूल, कोचिंग बंद होने से मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा। अपराधियों ने भी अपना तरीका बदला और मोबाइल और इंटरनेट को क्राइम का अड्डा बनाया। जिले में मोबाइल-इंटरनेट से जुड़े साइबर अपराध बढ़े हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म और मेल के जरिए 6 महीने में आर्थिक अपराध के साथ ही मानसिक प्रताड़ना के 64 मामले दर्ज हुए हैं।
मोबाइल के जरिए धोखाधड़ी, सोशल प्लेटफार्म पर महिलाओं की अश्लील फोटो डालने संबंधित लगभग 64 मामले दर्ज हो चुके हैं। अप्रैल से अक्टूबर तक हर महीने 10 से अधिक अपराध हुए हैं। कोरोना की रोकटोक के दौरान 24 घंटों में 8 घंटे तक मोबाइल का इस्तेमाल हुआ है।
ऑफिस वर्क हो या फिर घरेलू काम लोग मोबाइल पर ही निपटाने लगे हैं। अपराधियों ने भी ऑनलाइन फिशिंग पर जोर दिया और ठगी करने लगे। इसी तरह महिलाओं के अकाउंट से फोटो निकालकर उसे शेयर करने के भी मामले लगातार आ रहे हैं।
इन केस से समझिए ऑनलाइन क्राइम की गंभीरता
सोशल साइट पर डाला अश्लील वीडियो

12 अगस्त को थाना चक्रधरनगर में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। मामले में आरोपी रमेश कुमार यादव एक युवती का अश्लील फोटो एवं वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया था। मामले में युवती की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भी भेजा। चक्रधर नगर थाने में ही महिलाओं के फोटो-वीडियो वायरल करने की घटनाएं आई।
मनी वॉलेट से इनाम देने के बहाने 98 हजार की ठगी
अगस्त में ही मनी वॉलेट फोन-पे में ऑफर का लालच देकर सेतुपति पटेल नाम के व्यक्ति के खाते से 98 हजार ठगों ने पार कर दिए। पीड़ित ने बिना कुछ पूछे उन्हें तीन बार ओटीपी बता दिया था। इसके बाद आरोपियों ने पूरे खाते से ही रुपए पार कर दिए थे। पीड़ित के अनुसार उसने कस्टमर केयर को ही डिटेल जानकारी दी थी।
ऑनलाइन शॉपिंग में दो लाख रुपए गंवाए
ऑनलाइन शॉपिंग के चक्कर में दो युवतियों से दो लाख रुपए की ठगी का मामला अगस्त के मध्य में थाने तक पहुंचा। पुसौर और रायगढ़ निवासी महिलाओं को ठगों ने ऑफर कोड बताने के बहाने ओटीपी पूछकर खाते से रुपए उड़ा लिए थे। हालांकि सही समय पर सूचना मिलने पर इनके ट्रांजेक्शन को रुकवा दिया गया था।
टिकटॉक में परिचय बढ़ने के बाद युवती की तस्वीर वायरल
बैन मोबाइल एप्लिकेशन टिक टॉक में परिचय होने के बाद यूपी निवासी बबलू सरोज वर्तमान निवासी ढिमरापुर ने एक युवती की फोटो-वीडियो वायरल कर दी थी। फोटो वायरल करने से पहले आरोपी ने धमकी देकर संबंध भी बनाए थे। इसके बाद चक्रधर नगर पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज कर जेल भी भेजा था।
एक्सपर्ट व्यू: ये सावधानी बचाएगी

किसी भी सोशल प्लेटफार्म या फिर मेल में लॉगइन करने के लिए हमें यूजर आईडी और पासवर्ड की जरूरत होती है, लेकिन एक्सपर्ट के अनुसार टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन कर इसे मोबाइल से जोड़ा जा सकता है। जब भी आप अपनी आईडी खोलेंगे। पासवर्ड डालेंगे। पासवर्ड डालने के बाद आपके मोबाइल पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालने के बाद ही उसे कोई खोल पाएगा। इसी तरह मोबाइल में फोन आने पर भी किसी व्यक्ति को ओटीपी नहीं बताने पर कभी कोई रुपए नहीं निकाल पाएगा। इससे आपकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहेगी। अंकुर मित्तल, आईटी एक्सपर्ट
अभिषेक वर्मा एएसपी बोले-जागरूक कर रहे
पुलिस लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रही है। गांव-गांव में लगने वाले चलित थाने में भी हम लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड और सोशल मीडिया में होने वाले अपराध की जानकारी दे रहे हैं। इसके अलावा सायबर सेल लगातार फेसबुक और वाट्सअप में अभद्र कमेंट करने वाले और महिलाओं की फोटो वायरल करने वालों पर नजर रख रही है। शिकायत के बाद तुरंत ऐसे मामलों में कार्रवाई कर अपराधी को जेल भेजा जा रहा है।
व्यवहार में आ रहा है परिवर्तन: राजेश
मानसिक रोग विशेषज्ञ राजेश अजगल्ले ने बताया कि मोबाइल और सोशल मीडिया के उपयोग से लोगों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है। सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्म में ही ज्यादा वक्त दे रहे हैं। ओटीटी प्लेटफार्म में अधिकतर न्यूडिटी और असभ्य भाषा को फैशन की तरह दिखाई जाता है। इससे युवा प्रभावित होते हैं और अपराध की ओर जाते हैं। युवा सोशल मीडिया पर लड़कियों की डीपी चुराकर उसका गलत इस्तेमाल करते हैं। साभार: दैनिक भास्कर

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