कोरोना संक्रमण को रोकने में नीति की नीति रही कारगर

कोरोना संक्रमण को रोकने में नीति की नीति रही कारगर

राज्य स्तर पर नीति राज सिंह के योगदान को मिली पहचान

कहानी ऐसे कोरोनो वॉरियर की जो संक्रमित होने के बाद टायफाइड से लड़ा और फिर मानसिक तनाव से भी

रायगढ़ 3 नवंबर 2020।

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम बीते 7 महीने से हर मोर्चे पर डटी हुई है। अकेले स्वास्थ्य विभाग के 3,000 से अधिक कर्मी इस महामारी के संक्रमण को रोकने में जुटे है। आज प्रदेशवासी सुरक्षित हैं तो इन कोरोना वॉरियर के कारण जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी इस महामारी को यथासंभव हम तक आने से रोके रखा। इनमें से एक हैं नीति राज सिंह जिन्हें जिले ही नहीं राज्य में भी खूब जाना पहचाना जाता है।

34 साल के नीति स्वास्थ्य विभाग में बायो मेडिकल इंजीनियर हैं। बीते 4 साल से वो रायगढ़ जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। चिकित्सीय उपकरणों को एजेंसी द्वारा लगाने के बाद उसकी निगरानी करना और बायो मेडिकल वेस्टेज की पूरी जिम्मेदारी नीति के कंधों पर है।
वैश्विक महामारी कोविड-19 में उनका योगदान शुरुआत से रहा है। वे इलाज संबंधित मशीनों को लगाने, कोविड केअर यूनिट और अस्पतालों की प्लानिंग में बाकायदा शामिल रहते हैं। जिले के लगभग सभी कोविड केयर और अस्पतालों में नीति के द्वारा सुझाए गए योजनाओं का पालन किया गया है। फिर चाहे वह जलसा मैरिज गार्डन को क्वारंटाइन सेंटर बनाना हो या केआईटी को कोविड केअर या फिर सारंगढ़ में 1 दिन में 200 बिस्तर का कोविड केअर, नीति की सलाह और उनकी प्लानिंग हमेशा काम आई। कोविड केअर हॉस्पिटल में उपकरणों को भी नीति राज ने हो लगाया है।

पॉजिटिव के बाद हुआ टायफाइड
कोविड-19 में ड्यूटी के दौरान नीति राज सिंह कोरोना संक्रमित भी हुए। मशीन इंस्टालेशन के दौरान वे कोरोना संक्रमित हो गए। वह 17 दिन तक आइसोलेशन में रहे। इसके दो दिन बाद उन्हें टायफाइड से हो गया। 25 दिन काम पर नहीं जा पाने के कारण वह जबरदस्त मानसिक तनाव से भी गुजरे। सोशल मीडिया में वो जब भी जाते तनाव बढ़ जाता। उन्होंने मेडिटेशन का सहारा लिया, आध्यात्मिक संगीत सुने और साथियों- परिजनों से बात की और फिर उसके बाद दोगुने उत्साह के साथ काम में लौटे। इसके बाद वह 6 बार सीधे कोरोना पॉजिटिव मरीज़ के संपर्क में आये। 3 बार आरटीपीसीआर और 3 बार रैपिड एंटीजेन टेस्ट कराया सभी का रिजल्ट नेगेटिव आया।
नीति राज

और जब राज्य सरकार ने नीति को बुलाया
कोरबा जिले के कटघोरा में अप्रैल महीने के शुरुआती समय में जब एक साथ कई मरीज पाज़िटिव निकले थे तब राज्य सरकार की तरफ से बने रैपिड टीम में जिले के नीति राज सिंह का नाम था। उन्हें सीधे संचालक स्वास्थ्य सेवाओं के दफ्तर से फोन आया और तुरंत कटघोरा पहुंचने का आदेश मिला। जहां उन्होंने वेंटिलेशन मशीन और अन्य जरूरी उपकरणों को आनन-फानन में ईएसआईसी अस्पताल में इंस्टॉल किया इसमें उनका साथ कोरबा के इंजीनियर अनीश शर्मा ने दिया। मशीनों को गवर्नमेंट अस्पताल व अन्य जगहों से निकाल कर कोविड केयर हॉस्पिटल में व्यवस्था बनाना नीति के हिस्से में था।

पूरा स्वास्थ्य अमला असली वारियर : नीति राज
नीति राज सिंह कहते है पूरा स्वास्थ्य अमला वास्तव में कोरोना वॉरियर है। “हम सभी के हिस्से में अपना-अपना काम है जिसे हम पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं। हम में से कई लोग संक्रमित होते हुए भी आइसोलेशन में रहकर अपना काम किया। सीएमएचओ दफ्तर सील भी हुआ पर हम नहीं रुके। काम के दौरान तनाव हुआ क्योंकि कोविड 19 अबूझ है पर सब ने एक दूसरे को जरूरत पड़ने पर ढाढस बंधाया और आज हमारी पूरी टीम कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में पूरे दमखम से जुटी है। हम थके हैं पर हारे नहीं है।‘’

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