धान के लिए प्लास्टिक बोरे, टोकन का समय और दिन होगा तय ताकि केंद्रों में न लगे भीड़
एसीएस अमिताभ जैन व सुब्रत साहू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ली कलेक्टरों की बैठक
रायगढ. एक दिसंबर से होने वाली धान खरीदी के लिए जिले में 11 नए केंद्रों सहित कुल 134 केंद्र बनाए गए हैं। कुछ समितियां अपने स्तर पर कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय कर रही हैं। किसानों की भीड़ न लगे इसलिए रोस्टर सिस्टम से टोकन वितरण किया जाएगा। किसानों से सहमति लेकर गांवों में अलग-अलग दिन टोकन का समय निश्चित किया जाएगा। वारदानों की कमी बड़ी समस्या है। तूफान के असर से बदले मौसम के कारण किसानों को धान के खराब होने की चिंता सता रही है। वारदानों की कमी से होगी समस्या- जिले में पिछले साल की तुलना में इस बार 11 नए धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। पहले 123 केंद्र थे अब किसानों की सुविधा के लिए 134 केंद्र होंगे। समितियों को पीडीएस से पुराने वारदाने उपलब्ध कराए गए हैं। प्लास्टिक और पुराने बोरे के भरोसे ही खरीदी की जाएगी। बोरे कम होने से तौल में देरी की आशंका है। बारिश में धान सुरक्षित रखने के लिए समितियों ने त्रिपाल की व्यवस्था की है। गुरुवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव अमिताभ जैन और सुब्रत साहू ने जिलों के कलेक्टर की वीडियो कांफ्रेंसिंग से धान खरीदी की तैयारी पर बैठक ली। सरकार 70 हजार गठान प्लास्टिक के बोरे यानि वारदाने खरीद रही है ताकि प्रदेश में वारदाने की कमी ना हो। इसका उपयोग सिर्फ धान की पैकिंग कर मिलर्स तक पहुंचाने के लिए करने के निर्देश दिए गए हैं।
टोकन हफ्तेभर मान्य, फिर लेना होगा दूसरा टोकन
जिलों को बताया गया कि धान खरीदी में राज्य के किसी भी समिति में किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। धान खरीदी के लिए टोकन अधिकतम एक सप्ताह की अवधि तक के लिए दिए जाएंगे। किसानों को जारी टोकन में उल्लेखित तारीख तक किसी कारणवश यदि कोई किसान धान नही बेच पाता है तो उन्हें पुन: नया टोकन जारी किया जाएगा। वहीं कुछ समितियों ने जिले में अपने स्तर पर उपाय किए हैं। बचाव के उपायों के साथ समय और दिन निर्धारित कर टोकन देने की तैयारी की जा रही है ताकि एक साथ किसानों की भीड़ केंद्रों में न जुटे।
साभार: दैनिक भास्कर