पहली बार ऑनलाइन हुआ NIT का दीक्षांत, घर बैठे जुड़े स्टूडेंट, पाेस्ट से भेजेंगे डिग्री और मेडल दीक्षांत की शुरुआत में कैंपस में हुआ मार्च पास्ट।


रायपुर. 1040 स्टूडेंट को डिग्री और 23 को गोल्ड मेडल देने की हुई घाेषणा, अभिषेक रहे ओवरऑल टॉपर
पहली बार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) का दीक्षांत समारोह ऑनलाइन रखा गया। स्टूडेंट्स ने घर बैठे समारोह अटैंड किया। सीनेट मेंबर्स, डायरेक्टर और डीन एकेडमिक्स ने इंडियन गेटअप में संस्थान के ई-हाॅल से प्राेग्राम जॉइन किया। समारोह शुरू होने से पहले इन सभी ने आर्किटेक्चर ऑडिटोरियम से ई-हॉल तक मार्च पास्ट किया। चीफ गेस्ट आईआईटी धनबाद में बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. प्रेम व्रत भी समारोह में ऑनलाइन जुड़े। संस्थान के 11वें दीक्षांत में ग्रेजुएशन के 804, पीजी के 194 स्टूडेंट्स और पीएचडी के 42 रिसर्चर सहित कुल 1040 स्टूडेंट्स को डिग्री देने की बात कही गई। सभी स्टूडेंट्स को स्पीड पोस्ट से डिग्री भेजी जाएगी। 23 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल और 23 को सिल्वर मेडल से नवाजा गया। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के अभिषेक दत्ता बैच 2020 के ओवर ऑल टॉपर रहे, उन्हें दो गोल्ड मेडल से नवाजा गया। जब स्टूडेंट्स को मेडल देने की घोषणा की गई तब स्क्रीन पर उनका फोटो फ्लैश किया गया। इस वर्चुअल इवेंट को यूट्यूब पर 4700 लोगों ने देखा। ऑनलाइन क्लास के लिए बनाए हैं 8 रूम: डायरेक्टर डाॅ. एएम रावाणी ने संस्थान से जुड़ी उपलब्धियां शेयर कीं। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स और फैकल्टी को 4000 से ज्यादा ऑनलाइन कोर्स निःशुल्क रूप से प्रदान किये गए हैं। कोरोनाकाल में सभी की सुरक्षा को देखते हुए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इसके लिए 8 स्पेशल रूम तैयार किए गए हैं, जिनमें रिकॉर्डिंग के लिए कैमरा, ब्लूटूथ माइक और स्मार्ट डिजिटल बोर्ड जैसी सुविधाएं हैं।
डिग्री के साथ खास स्किल वाले युवाओं के लिए जॉब के ढेरों अवसर: डाॅ. प्रेम
मुख्य अतिथि आईआईटी धनबाद में बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. प्रेम व्रत ने कहा कि अपनी कमजोरियों को सुधारने के लिए लगातार प्रयास करते रहें। अपने इनर पावर को पहचानें और सक्सेस के लिए सही दिशा में एफर्ट करें। टेक्नोलॉजी से संबंधित अपनी नॉलेज का इस्तेमाल दूसरों को हानि पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि दूसरों की समस्याओं का समाधान ढूंढने की दिशा में करें। मूल्यों की अखंडता और दूसरों के लिए चिंता करना एक अच्छे व्यक्ति की पहचान होती है। रोजगार से जुड़े मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में डिग्री के साथ खास स्किल वाले युवाओं के लिए जॉब के ढेरों अवसर हैं।
रेगुलर अटैंड की क्लास, खुद के बनाए नोट्स से की तैयारी, बोर लगता तो बजाता था तबला
ओवरऑल टॉपर अभिषेक दत्ता ने बताया, 12वीं के बाद जब एंट्रेंस एग्जाम दिया तो रैंक अच्छी नहीं आई। एक साल गैप लेकर दोबारा तैयारी की। रैंक ठीक आई तो एनआईटी में माइनिंग में एडमिशन मिला। फिर अच्छे मार्क्स मिलने पर मुझे सीएस डिपार्टमेंट दे दिया गया। एग्जाम टाइम में पढ़ने के बजाय मैंने सालभर तैयारी करने को प्राथमिकता दी। रेगुलर क्लास अटैंड करता था। नोट्स बनाता था। मुझे म्यूजिक में इंट्रेस्ट है। पढ़ाई से बोर होता तो माइंड फ्रेश करने के लिए तबला बजाता था। मुझे युनाइटेड हेल्थ ग्रुप में प्लेसमेंट मिला है। कोरोना की वजह से वर्क फ्रॉम होम पर हूं। आगे पीएचडी करने की प्लानिंग है। उनके पिता प्रशांत दत्ता कोरबा कलेक्ट्रेट ऑफिस में कार्यरत हैं। मम्मी तृप्ति हाउसवाइफ हैं।
साभार: दैनिक भास्कर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button