प्रदेश में बीपी-शुगर और दिल के मरीजों का रिकाॅर्ड होगा तैयार, सर्दी के मौसम को देखते हुए बनाया गया प्लान

रायपुर. देश के कई राज्यों में कोरोना पलटकर आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने हाई रिस्क श्रेणी बनाकर इसके दायरे में आने वाले मरीजों की मॉनीटिरिंग का निर्णय लिया है। हाई रिस्क श्रेणी में बीपी, शुगर और हार्ट के मरीजों के साथ-साथ एचआईवी और गर्भवती महिलाओं को भी शामिल किया गया है। प्लान के मुताबिक हाई रिस्क के दायरे में आने वालों का फोन नंबर जुटाकर मोबाइल पर ही उनसे हाल-चाल पूछा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार दिल्ली छोड़कर बाकी राज्यों में संक्रमण का दूसरा दौर शुरू हो चुका है। दिल्ली में संक्रमण का तीसरा दौर है और यहां बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे हैं। हालात को देखते हुए सर्दी के मौसम में छत्तीसगढ़ में भी केस बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। स्थिति की समीक्षा के बाद ही स्वास्थ्य विभाग ने हाई रिस्क श्रेणी में आने वालों की सूची बनाकर उन्हें सर्विलांस में रखने का निर्णय लिया गया।
20 हजार से ज्यादा सैंपल की जांच फिर से शुरू
नवरात्रि दशहरा में प्रदेश में कोरोना संदिग्धों के सैंपल और जांच में जो कमी आई है, स्वास्थ्य विभाग ने उसको भी दूर करने के लिए एक बार फिर 20 हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच रोजाना करने के प्लान पर अमल शुरु कर दिया है। प्रदेश में हर दिन हो रही सैंपल जांच के 8 से 10 प्रतिशत तक संक्रमित मिल रहे हैं।
बुखार के मरीजों का रिकाॅर्ड तैयार करने के निर्देश
हेल्थ विभाग ने सभी जिलो की क्लिनिक बुखार के मरीजों का रिकार्ड तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। सर्दी-खांसी के साथ बुखार पीड़ित आने पर हर स्थिति में कोरोना जांच सुनिश्चित करने को कहा गया है। ताकि अगर संदिग्ध को कोरोना हो तो उसकी वजह से फैलने वाले संक्रमण को वक्त रहते पहचान कर फैलने से रोका जा सके। वहीं, जिन दवा दुकानों से सर्दी खांसी बुखार की दवा ले जा रहे लोगों की डेली लिस्ट नहीं आ रही है, उन्हें भी नोटिस दिया जा रहा है।
2100 मौतों में हाईरिस्क का फैक्टर
विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में अब तक 2100 से ज्यादा मौतों में हाई रिस्क का फैक्टर आया है। नवंबर- दिसंबर में कोरोना के सर्वे में हाईरिस्क संदिग्धों की कोविड जांच भी बढ़ाई जाएगी। इसके तहत जिलों को दिए गए रोजाना के टारगेट में 25 फीसदी सैंपल ऐसे लोगों के भी लिए जा रहे हैं। प्रदेश में त्योहार से पहले और त्योहार के बाद कोरोना का डाटा एनालिसिस भी किया जाएगा। इसके तहत दिवाली से पहले कोरोना के ट्रेंड और इसके बाद की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। ताकि हर स्थिति के लिए तैयारी की जा सके।
मरीजों से ली जा रही है जानकारी
“नवंबर दिसंबर के महीने में कोरोना केस कंट्रोल करने के लिए विभाग ने व्यापक बंदोबस्त किए हैं। इसके तहत हाईरिस्क पेशेंट की जानकारी जुटाने के साथ जांच भी सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है।”

  • डॉ. सुभाष पांडे, मीडिया इंचार्ज, हेल्थ विभाग

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