फंड ना होने से रुका मकान का निर्माण
नए स्वीकृत मकानों के लिए जारी नहीं हो पाई पहली किस्त
रायगढ़. कोरोना का असर प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी पड़ा है। गरीबों के पक्के मकान के सपने को पूरा करने की योजना का हाल बुरा है। वित्तीय वर्ष 19-20 में रायगढ़ प्रदेश में सबसे पहले किस्त जारी करने वाला जिला था। मगर संक्रमण के कारण टारगेट अब तक पूरा नहीं हो पाया है। पिछले पांच सालों में इस वित्तीय वर्ष में सबसे कम टारगेट दिया गया है, जिसमें फंड की कमी चलते अभी तक पहली किस्त भी जारी नहीं हो पाई है। 5 सालों में जिले में कुल 85 हजार 47 आवास आवंटित किए गए हैं। जिसमें वर्ष 19-20 का लगभग 8 हजार से अधिक आवास अभी अधूरे हैं। साल 2019-20 की पहली किस्त के बाद 7 से 8 महीने तक इंतजार करना पड़ा। दूसरी किस्त के लिए सरकार के नोडल अकाउंट में फंड नहीं होने से पैसा नही दिया जा सका था। सितंबर के बाद दूसरी किस्त जारी की गई। साथ ही तीसरी किस्त का महिनों से लंबित फंड बमुश्किल जारी हुआ, जिनसे अधूरे पड़े आवासों की तीसरी किस्त प्रदान की जा सकेगी। इस साल अभी तक 8 फीसदी टारगेट ही पूरा हुआ है। वर्ष 20-21 में कुल 9000 आवासों का आवंटन दिया गया है, जो पिछले सालों के मुकाबले सबसे कम है। विभाग के अफसर लक्ष्य पूरा नहीं होने का कारण अब कोरोना को बता रहे हैं।
84 हितग्राहियों के आवास को किया निरस्त
84 लोगों के आवास को निरस्त किया गया है। इनमें कुछ ऐसे लोग भी थे जिनकी मौत हो चुकी है और जिनको इंदिरा आवास योजना में आर्थिक सहायता मिल चुकी है साथ ही एक दर्जन लोगों ने अपने मर्जी से आवास सरेंडर कर दिया है।
कोरोना के कारण देर
“कोरोना के कारण योजना के क्रियान्वयन में देरी हुई है । जल्द टारगेट पूरी करने की कोशिश की जाएगी। आने वाले साल में आवंटन कम है साथ ही तैयारी भी कर ली गई है। जिससे तय समय में कार्य पूरा कर लिया जाएगा।”
-हरिशंकर पटेल, जिला समन्वयक प्रधानमंत्री आवास योजना
साभार: दैनिक भास्कर