महिला ने साथ रहने से मना किया तो प्रेमी ने उसके बच्चे को डुबाकर मार डाला, 3 गिरफ्तार

मनेंद्रगढ़. महिला ने साथ रहने से मना किया तो उसने प्रेमी ने उसके साढ़े 8 साल के बच्चे को 3 नाबालिगों के साथ मिलकर पानी में डुबोकर मार डाला। यह घटना 13 नवंबर की है। पुलिस ने प्रेमी सहित 3 नाबालिगों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का खुलासा 11 वर्षीय मृतक के चचेरे भाई से पूछताछ में हुआ। नगर पंचायत खोंगापानी छप्पन दफाई निवासी राकेश चौधरी पिता बिरजू चौधरी ने 13 नवंबर की रात खोंगापानी पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका साढ़े 8 वर्षीय बेटा ऋषि चौधरी उर्फ चरका शाम 6 बजे से लापता है। पिता ने आशंका जताई कि उसके बेटे का किसी ने अपहरण कर लिया है। रिपोर्ट पर थाना झगराखांड में केस दर्ज कर विवेचना में लिया गया। पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम गठित कर स्वयं घटना स्थल का निरीक्षण कर पतासाजी के लिए निर्देशित किया। पतासाजी के दौरान संदेह होने पर आरोपी बबलू यादव से पूछताछ की गई। इसमें उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया। सोमवार को आरोपी की निशानदेही पर कार्यपालिक दंडाधिकारी की मौजूदगी में शव को बरामद कर पंचनामा कार्रवाई की गई। मामले में आरोपी बबलू यादव पिता अजय यादव 23 वर्ष निवासी छप्पन दफाई खोंगापानी और अन्य तीनों नाबालिगों को भी गिरफ्तार किया गया।
आरोपी के परिवार को बस्ती से निकालने के लिए जुटी भीड़, पुलिस ने कराया शांत
मासूम की हत्या करने वाले आरोपी और उसके परिवार पर परिजन और बस्ती के लोगों में गुस्सा दिखा। परिजन और बस्ती के लोग जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं, सभी आरोपी के घर पहुंच गए और आरोपी के पूरे परिवार को बस्ती से निकालने पर आमादा हो गए। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और गुस्साई भीड़ को समझाइश देकर शांत कराया और सभी को किसी प्रकार वापस उनके घर भेजा।
मोबाइल दिखाने के बहाने आरोपी ने बच्चे से की दोस्ती, फिर मौका पाकर की हत्या
बबलू ने बताया कि बीच में उसने लीलावती के पति को दूसरों से खबर भिजवाई कि उसकी पत्नी आरोपी से बात करती है, लेकिन मृतक का पिता बच्चों का मुंह देखकर अपनी पत्नी को लाने के लिए तैयार हो गया था, जिसके कारण वह बदला लेने का मन बना लिया। आरोपी अपहृत बालक और उसके चचेरे भाई को मोबाइल दिखाने और पैसों का लालच देकर अपने पास बुलाता रहा।
ससुराल वालों ने नहीं अपनाया तो मायके में रह रही थी
जनवरी में महिला अपने प्रेमी के साथ रायपुर चली गई थी। यहां 12 दिन रहने के बाद जब उसे अपने बेटे की याद सताने लगी तो उसने वापस लौटने का मन बनाया। ससुरालियों के नहीं अपनाने के बाद से वह मायके में रहने लगी थी। उसने अपने प्रेमी से बातचीत भी बंद कर दी थी। इससे उसका प्रेमी का गुस्सा और बढ़ गया था।
पति के पास लौटना उससे नहीं हो रहा था सहन
आरोपी बबलू ने बताया कि लीलावती से उसका प्रेम संबंध था। लीलावती को अपने साथ जनवरी में भगाकर रायपुर ले गया था, बाद में लीलावती ने उसके साथ रहने से मना कर दिया और अपने पति व बच्चे के पास लौटना चाहती थी, इसलिए उसे छोड़कर अपने मायके में रह रही थी। साथ ही पति से बातचीत भी शुरू हो गई थी, जो आरोपी को नागवार गुजर रही थी।
जहां गड़ाया था शव, वहां सूअर को मारकर फेंका
घटना के दिन ऋषि को लाने उसके चचेरे भाई से कहा। वह इस्माइल के दुकान के पास ऋषि को लेकर पहुंचा। इसके बाद आरोपी उसे अपनी बाइक में बैठाकर अपने ईंटा भट्ठा के पास ले गया और और नाबालिग बालक के साथ मिलकर पानी में डुबोकर उसकी हत्या कर दी। साथ ही साक्ष्य छिपाने वहीं पर बनी नाली में लाश को डालकर घास और मिट्टी से ढंक दिया, लेकिन आरोपी को यह भय था कि नाबालिग बालक किसी को बता देगा, इस डर से दूसरे दिन 14 नवंबर को अपने दो नाबालिग दोस्त को बुलाया और बालक ऋषि की लाश को प्लास्टिक के बोरे में भरकर सहवानी टोला मशकूर के तालाब के पास नीम पेड़ के नीचे तीनों ने मिलकर गड्ढा खोदकर शव काे दफना दिया। आरोपी बबलू ने मृतक के शव को जहां पहले दफनाया था, लोगों को शक न हो कहकर इसके लिए सुअर मारकर फेंक दिया था, जिससे कि लोगों को गुमराह कर सके।
साभार: दैनिक भास्कर

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