मोहन जूटमिल, रायगढ़ को पुनः प्रारंभ कराने मुख्यमंत्री से गुहार

रायगढ़. छत्तीसगढ़ का एकमात्र जूटमिल जो कि विदेशी मुद्रा कमाने वाला छत्तीसगढ़ का सिरमोर था। प्रबंधन की गलत नीति एवं पिछली सरकार की अनदेखी के कारण पिछले लगभग 10 वर्षों से बंद है। उक्त मिल में कार्य करने वाले मजदूरों एवं उनके परिवारों के सामने जीवन यापन की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई हैं, कई परिवारों के होनहार बालक बालिकाओं की शिक्षा अधूरी होने के कारण उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। मजदूरों को उनका वाजिब हक आज दिनांक तक नहीं मिला है। प्रबंधन आज भी नई-नई साजिश कर मिल की जमीन एवं मशीनरी को बेचने की फिराक में है, और आॅफिस (कोलकाता) में बैठे-बैठे छत्तीसगढ़ (रायगढ़) को बर्बाद करने का षड़यंत्र रचा रहा है।
अगर छ.ग. सरकार द्वारा सही दिशा में योजना बनाकर मिल को पुनः प्रारंभ करवाया जाता है तो एक फिर विदेशी मुद्रा अर्जित किया जाता है, क्योंकि मिल के अंदर जो मशीनरी उसकी उत्पादन क्षमता लगभग 40 टन प्रतिदिन है। सरकार द्वारा घोषित नई उद्योग नीति के तहत बहुत ही आसानी से मिल को चालू किया जा सकता है, बशर्ते योजना ठीक ढंग से बनाई जावे।
इसलिए आप से अनुरोध है कि श्रमिक एवं किसान हित को ध्यान में रखते हुए यथाशीघ्र मोहन जूटमिल, रायगढ़ को प्रारंभ कराये जाने हेतु आवश्यक एवं उचित कार्यवाही करने की अनुकंपा करेंगे। इस मिल के चालू होने से जहां मजदूरों को रोजी-रोटी मिलेगा, वहीं किसानों को बारदाना के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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