लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर करें कार्रवाई: कलेक्टर

शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु प्रकरण अधिक, इलाज में कोताही प्रमुख कारण
रायगढ़. जिले के कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज और पिछले सप्ताह कोरोना से हुए मृत्यु प्रकरणों की कलेक्टर भीम सिंह ने समीक्षा की। शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीजों के मृत्यु प्रकरण अधिक है। इसका मुख्य कारण लक्षण वाले मरीजों द्वारा जांच में लापरवाही और स्थानीय मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेकर सेवन करना है। कलेक्टर ने जिले के सभी बीएमओ को अधिक से अधिक लोगों की कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने के निर्देश दिए। यदि ग्रामीण क्षेत्र का कोई व्यक्ति सैंपल देने में लापरवाही करता है तो स्थानीय एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस प्रशासन के सहयोग से जांच कराएं। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि कोरोना से संबंधित केस में लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई करें। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जिले के मैदानी क्षेत्रों में पदस्थ सभी डॉक्टरों को एवं सैंपल कलेक्ट करने वाले टेक्नीशियन के लिए प्रशिक्षण आयोजित करें। समीक्षा के दौरान आईसीयू प्रभारी डॉ. लकड़ा एवं शासकीय कोविड अस्पतालों के प्रभारी और अपेक्स, मेट्रो, जिंदल, जेएमजी, अशर्फी देवी अस्पताल के प्रबंधक प्रभारी उपस्थित थे। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. लुका, केजीएच प्रभारी डॉ.मिंज, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी तथा सभी बीएमओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में जुड़े रहे।
निजी अस्पतालों से बीपीएल कार्डधारी मरीजों की मांगी जानकारी
निजी अस्पतालों द्वारा अधिक राशि लेने की जानकारी प्राप्त होने पर बीपीएल कार्डधारी मरीजों को बीमा सुविधा का लाभ प्रदान करने के कलेक्टर ने निर्देश दिए और जिले के निजी अस्पतालों द्वारा कितने मरीजों का इलाज किन-किन दरों पर किया गया और कितने गरीब लोगों का इलाज बीपीएल राशन कार्ड के माध्यम से किया गया। इसकी जांच करने की जिम्मेदारी सहायक कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा को सौंपी।कलेक्टर सिंह ने दूर-दराज के क्षेत्रों से रायगढ़ रेफर किए जाने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को एंबुलेंस में निर्धारित मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई (हाई फ्लो रिजर्वियर मास्क) लगाकर शिफ्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु प्रकरणों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं वहां डेथ रेट भी कम हुआ है। हमें उन राज्यों के इलाज प्रक्रिया से सीख लेना चाहिए।
गर्भवतियों का भी कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य, बिना पर्ची नहीं मिलेगी दवा
कलेक्टर ने सीएमएचओ को जिले के सभी मेडिकल स्टोर्स संचालकों को यह लिखित सूचना जारी करने के निर्देश दिए कि बिना डॉक्टर की पर्ची के किसी भी व्यक्ति को सर्दी, खांसी की दवा न दी जाए। समीक्षा बैठक में डॉक्टरों ने बताया कि भूख न लगना (लॉस ऑफ हेपेटाइटिस) भी कोरोना का मुख्य लक्षण है अत: ऐसे मरीज भी कोरोना टेस्ट अवश्य कराएं। इसी प्रकार सभी गर्भवती महिलाओं का भी कोरोना टेस्ट कराया जाना अनिवार्य है। कलेक्टर ने होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की सतत मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए और दिन में दो बार डॉक्टर द्वारा फोन कर मरीज से संपर्क अवश्य किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति शासकीय डॉक्टरों द्वारा ही दी जाएगी। कोई भी निजी चिकित्सक अथवा शासकीय चिकित्सक जो निजी क्लीनिक में मरीज देखते है वे होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं देंगे।
साभार: दैनिक भास्कर

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