हाथों में तीर- धनुष थामे इस मांग को लेकर एसपी कार्यालय का घेराव करने नारायणपुर पहुंचे ग्रामीण

ग्रामीणों के मुकाबले फोर्स की संख्या बहुत कम है। हालात को देखते हुए अतिरिक्त कंपनी नारायणपुर बुलाई गई है।
रायपुर। बस्तर में नक्सलियों और पुलिस व सुरक्षा बलों की लड़ाई के बीच ग्रामीण लगातार पिस रहे हैं। आदिवासी ग्रामीण अब इस हालात से उबरना चाहते हैं और वे चाहते हैं बस्तर की फिजा से बम, बारूद की गंध खत्म हो जाए, गोलियों की आवाज हमेशा के लिए बंद हो जाए। नक्सिलयों को नियंत्रण में लाने के लिए फोर्स लगातार कदम आगे बढ़ा रही है और बस्तर के चप्पे- चप्पे में नए कैंप और चौकियां स्थापित हो रही हैं, लेकिन ग्रामीण इसका लगातार विरोध भी कर रहे हैं।
ग्रामीणों का मानना है कि फोर्स की दखल और कैंपों की स्थापना से पर लगाम लगाई जाए। इसके अलावा बहुत से ग्रामीण नक्सलियों के सहयोगी के रूप में जेलों में सजा काट रहे हैं। ऐसे ग्रामीणों की रिहाई की भी लगातार मांग की जा रही है। इन सब के बीच नारायणपुर जिले में नए कैंप की स्थापना के विरोध में ग्रामीणों ने मोर्चा खोला है। वे इसके विरोध को लेकर आज नारायपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक पैदल जुलूस की शक्ल में पहुंचे हैं और कार्यालय का घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं।
एसपी कार्यालय का घेराव करने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं। सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले यह बड़ा आंदोलन हो रहा है। बस्तर संभाग के ग्रामीण जंगल के रास्ते छोटेडोंगर में पहले इकठ्ठा हुए थे। इसके बाद चार किमी की लंबी रैली निकाल कर अब जिला मुख्यालय पंहुच रहे हैं। अधिकांश ग्रामीण हाथों में तीर-धनुष व कुल्हाड़ी थामे हुए हैं। यह सभी ग्रामीण छह ग्रामीणों की गिरफ्तारी और नए पुलिस थाना और कैंपों का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों के मुकाबले फोर्स की संख्या बहुत कम है। हालात को देखते हुए अतिरिक्त कंपनी नारायणपुर बुलाई गई है। इसके साथ ग्रामीणों को समझाने का प्रयास भी किया जा रहा है।
साभार: दैनिक भास्कर

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