हेल्थ वर्कर्स समझ रहे वैक्सीन की कीमत इसलिए 6 दिन में मात्र 3 डोज खराब
जांजगीर. कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुए छह दिन बीत चुके हैं। इस दौरान दो दिन छुट्टी होने के कारण वैक्सीनेशन नहीं हुआ। वैक्सीन कितनी कीमती और जरूरी है, इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले मेें पहले चार दिनों में मात्र एक डोज का ही नुकसान हुआ है। बुधवार तक 53 वायल का उपयोग हाे चुका था, जिसमें प्रति वायल 10 लोगों की औसत के हिसाब से 530 लोगों को टीका लगना था, लेकिन एक मात्र रजिस्टर्ड व्यक्ति के नहीं आने से 527 लोगों को टीका लग चुका है, यानि केवल तीन डोज ही खराब हुआ है, जबकि पड़ोसी जिला रायगढ़ में तीन दिनों में 26 डोज खराब हो चुके हैं। जिले में वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी से हुई। इसके बाद 17 जनवरी रविवार के कारण टीके नहीं लगे। 18 जनवरी मंगलवार को अन्य स्थानों में टीकाकरण होने के कारण कोविड का टीका किसी को नहीं लगा, वहीं अन्य सेंटर भी प्रारंभ नहीं होने के कारण यह अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। जिले में तीन सेंटर बनाए गए हैं। यहां औसतन 50-50 लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाती तो पिछले चार दिनों में 600 हेल्थ वर्कर्स को टीका लग चुका होता, लेकिन अभी तक मात्र 527 लोग ही टीका लगवाने पहुंचे हैं। 54 साल पहले चेचक का वैक्सीन लेने में जैसे लोगों को डर लगता था, वैसे ही अब कोरोना वैक्सीन लोगों को डरा रहा है।
रजिस्ट्रेशन बंद, दूसरे चरण में राजस्व विभाग को लगेगा टीका
जिले में जिन लोगों को पहले चरण में कोरोना का टीका लगेगा उनका रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है, इसलिए अब पोर्टल बंद हो गया है। उन्हें लगने के बाद रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। दूसरे चरण में राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को टीका लगाया जाएगा। उन्हें टीका लगाने के लिए आदेश भी आ चुका है।
इस उपाय से वैक्सीन नहीं हो रही खराब
वैक्सीन को खराब होने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी की है। एक दिन में कम से कम 50 लोगों को लगाने का लक्ष्य रखा है। वायल तब खोला जाता है, जब दस लोग जिन्हें टीका लगना है, वे लोग पहुंच जाते हैं और उनका वेरिफिकेशन के बाद इस बात की पुष्टि हो जाती है कि उन्हें टीका लगाया जा सकता है, तब उन्हें बिठाने के बाद ही वायल खोला जाता है। इसके कारण नुकसान नहीं हो रहा है। बुधवार को केवल एक डोज का नुकसान हुआ है।
यह भी जानें… वैक्सीन मजबूत प्रतिक्रिया तंत्र को विकसित करेगा
सवाल – क्या वैक्सीन लेना अनिवार्य है?
- स्वयं की सुरक्षा और बीमारी के प्रसार को सीमित करने के लिए कोरोना वैक्सीन की पूरी खुराक जरूरी है।
सवाल -क्या कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति को भी वैक्सीन लेना अनिवार्य है?
-पहले से संक्रमित होने के बावजूद वैक्सीन की पूरी खुराक लेना आवश्यक है, क्योंकि यह मजबूत प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करने में मदद करेगा
सवाल -क्या कोरोना संक्रमित व्यक्ति को भी वैक्सीन लगाई जा सकती है?
-संक्रमित व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। नई गाइड लाइन के अनुसार संक्रमित व्यक्तियों को कम से कम संक्रमित व्यक्ति को लक्षण खत्म होने के 14 दिन बाद तक वैक्सीनेशन स्थगित करना चाहिए, क्योंकि वे वैक्सीनेशन स्थल पर दूसरों में वायरस फैलाने का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
सवाल -यदि कोई कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि जैसी बीमारियों की दवा ले रहा है, तो क्या वह वैक्सीन ले सकता है?
-हां, इसमें एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले व्यक्तियों को एक उच्च जोखिम वाली श्रेणी माना जाता है। उन्हें वैक्सीनेशन कराने की आवश्यकता है।
सवाल -टीका से इनको रहना होगा अलर्ट
-जिनको ड्रग एलर्जी या फिर किसी वैक्सीनेशन से एलर्जी की हिस्ट्री है उन्हें अलर्ट रहना होगा। जिनकी उम्र 18 साल से कम है, उन्हें नहीं लिया गया है। महिलाएं जो प्रेगनेंट हैं फिर बच्चे को स्तनपान (लैक्टेटिंग मदर) करा रही है। इन्हीं लोगों को टीका नहीं लेना है।
जैसा जिला अस्पताल के सीएस डॉ. अनिल जगत ने भास्कर को बताया
साभार: दैनिक भास्कर