17 हजार के करीब पहुंचा कोरोना का आंकड़ा, 208 गंवा चुके जान

बुधवार को 216 कोविड पॉजिटिव मिले, कोरोना के विरूद्ध जंग हार गए 5 संक्रमित

रायगढ़. बुधवार को जिले में कोरोना के 216 नए मरीज मिले। पांच लोगों की मौत भी हुई है। 1932 लोगों की जांच की गई। जिले में कोरोना के कुल मरीज 16 हजार 994 हो गए हैं। वहीं कुल मौतें 208 हैं। जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या दो हजार के पार 2152 हो गई है। होम आइसोलेशन और विभिन्न अस्पतालों से अब तक 14634 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं । लोगों का इस तरह कोरोना संक्रमण के दायरे में आना और एक्टिव मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। बुधवार को शहर के अलावा जिले में सारंगढ़, पुसौर, धरमजयगढ़ से मरीज मिले हैं। मरने वाले 5 लोगों में एक दिन की नवजात भी शामिल है। कोरोना से नवजात की मौत का यह पहला मामला है।
त्योहार के बाद खतरा बढ़ने और 200 से ज्यादा मौत होने पर भास्कर ने कलेक्टर भीम सिंह से बात की हम जांच कराने के मामले में प्रदेश में अव्वल रहे हैं। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दमा, हृदय रोग या दूसरी बीमारी वाले 6000 लोगों का हमने सर्वे में पता लगाया था। इनमें तीन हजार लोगों की जांच कराई जा चुकी है। शेष लोगों की जांच करा रहे हैं। अगर किसी घर में बुजुर्ग हैं या क्रोनिक बीमारी वाले मरीज हैं तो विशेष सावधानी रखें। कामकाजी सदस्य इनके संपर्क में आएं तो पूरी सावधानी रखें। कोरोना से हुई मौतों की समीक्षा में हमने पाया है कि 68% मौतें कोरोना के साथ कोमॉर्बिडिटी यानि दूसरी बीमारियों के कारण हुई हैं। इनमें भी 21% मरने वाले वो लोग हैं जिन्हें डायबिटीज के साथ हाई ब्लड प्रेशर था। 31% मौतों में वजह सिर्फ कोविड-19 संक्रमण रहा है। मरने वालों में 41 से 60 वर्ष के लोग सबसे ज्यादा 45% हैं।
जांच नहीं कराना और देर से अस्पताल पहुंचना बड़ी वजह
कलेक्टर ने कहा, लक्षण आने पर समय पर जांच कराने और दवा लेने से परेशानी नहीं होगी। कोरोना संक्रमण और मौतों की हम हर हफ्ते समीक्षा करते हैं। जिले में 200 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। ज्यादातर मौतों में गंभीर कोमॉर्बिडिटी के साथ बड़ी वजह लोगों की लापरवाही है। लक्षण दिखने पर भी जांच नहीं कराना और ऑक्सीजन सेचुरेशन 90 से कम होने के बाद भी अस्पताल नहीं जाना जैसी वजहों से मौत के आंकड़े बढ़े हैं। 25 प्रतिशत मामलों में अस्पताल पहुंचने के 24 घंटे के भीतर मरीज की मौत हुई है। इसका मतलब है कि गंभीर हालत में पहुंचने तक परिजन इंतजार करते रहे, अस्पताल पहुंचने में देर हुई। 11 लोग तो अस्पताल पहुंचने से पहले मर चुके थे।
दोबारा संक्रमित हुईं महिला अफसर
प्रशासन की एक महिला अफसर को ढाई महीने के भीतर दूसरी बार कोरोना होने के सवाल पर कलेक्टर भीम सिंह ने कहा, कोरोना दोबारा होने के मामले देश के साथ राज्य और जिले में भी सामने आ रहे हैं। अभी संख्या बताना मुश्किल है लेकिन सावधानी जरूरी । जिन लोगों को एक बार कोरोना हो चुका है उन्हें ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए। भ्रामक जानकारी पर यकीन करना मुश्किल में डाल सकता है।
कोरोना से निपटने के इंतजाम पर्याप्त
कलेक्टर भीम सिंह कहते हैं, अब हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई वाले बेड हैं। आईसीयू की संख्या भी पर्याप्त है। गंभीर मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी तैयारी है। प्रशासन लोगों की जांच करा सकता है, इलाज की समुचित व्यवस्था कर सकता है लेकिन लक्षण आने पर जांच कराना लोगों की जिम्मेदारी है। त्योहार या काम के कारण लक्षणों की अनदेखी करना जानलेवा हो सकता है। वायरल फीवर को भी सामान्य ना समझें और तुरंत जांच कराएं।

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