75% घटी सैनिटाइजर, हैंडवॉश, मास्क की बिक्री

लोगों में अब नहीं कोरोना का डर, अप्रैल-जून की तुलना में घटी सैनिटाइजर, लिक्विड सोप की बिक्री

रायगढ़. जिले में कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए हैं लेकिन खतरा अब भी टला नहीं है। बाजार पूरी तरह से अनलॉक होने के बाद रोक-टोक कम हुई तो लोग एहतियात भी भूल रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि बाजार के आंकड़े बता रहे हैं। अप्रैल- जून की तुलना में अब मास्क, सैनिटाइजर और लिक्विड साबुन, हैंड वॉश की खपत 25 फीसदी से भी कम रह गई है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कम दिख रहा है। बड़ी कंपनियों के डीलर्स और दूसरे कारोबारी बताते हैं कि दशहरे के बाद से सैनिटाइजर, लिक्विड सोप के 70 से 100 कार्टन हर महीने बिकते थे, अब यह 12-15 पेटियां ही बिक पाती हैं। दुकान, दफ्तर और घरों में जो हाथ धोने या सैनिटाइज करने की आदत थी वह धीरे-धीरे कम हो रही है। इम्युनिटी बढ़ाने वाले तुलसी ड्राप, गिलोय जूस और ड्रॉप सहित दूसरे ऐसे उत्पादों की बिक्री कम हुई है ।
छूट के बावजूद कम है सैनिटाइजर की डिमांड
एमएफसीजी कारोबारी मनिंदर सिंह तीन कंपनियों के सैनिटाइजर के थोक विक्रेता हैं। पहले के मुकाबले बिक्री एक चौथाई रह गई है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान माल का शॉर्टेज थी। डिमांड इतनी थी कि सप्लाई मुश्किल हो रही थी। पहले 75 से अधिक पेटी की सेल थी, अब कंपनियां 50 प्रतिशत तक छूट दे रही हैं, इसके बावजूद महीने में 5-6 पेटियां ही बिक रही हैं।
महंगे मास्क के बदले होम मेड मास्क
कोरोना संक्रमण के दौरान सबसे ज्यादा जोर मास्क के इस्तेमाल पर दिया जा रहा है। बाजार में मास्क लगाने वालों की संख्या बढ़ी है। हालांकि अब भी सामूहिक कार्यक्रम और भीड़ वाली जगहों में इसकी अनदेखी हो रही है। मास्क के विक्रेता अनुभव अग्रवाल बताते हैं कि 50 पीस वाले 10 से 15 डिब्बों की सेल थी। अब तीन डिब्बे बिकते हैं। सर्जिकल मास्क और एन-95 मास्क की बिक्री कम हुई है। हालांकि जानकारों के मुताबिक इसकी वजह घरों और फुटपाथों पर मास्क की बिक्री होना भी है। मध्यमवर्गीय परिवारों में ज्यादातर लोग घरों में बना मास्क पहन रहे हैं। एन-95 मास्क के महंगा होने और बार-बार न धो पाने की मजबूरी के कारण लोगों ने वाशेबल मास्क पहनना शुरू कर दिया। दुकानों द्वारा सर्जिकल मास्क की कीमत ज्यादा वसूलने के कारण लोग होम मेड मास्क लगा रहे हैं।
500 से 50 पेटी हुई सेल
व्यवसायी प्रतीक मोदी कहते हैं, हैंड वॉश कम हुआ है। इससे लिक्विड सोप की बिक्री 90 प्रतिशत गिरी है। कोरोना से पहले औसतन महीने में 50 पेटी लिक्विड सोप बिकती थी। कोरोना संक्रमण की खबर आने और अनलॉक के पहले चरण तक इसकी विक्री 500 पेटी तक पहुंच गई थी। अब फिर से बिक्री 50 पेटी तक हो गई है। हर दुकान, घर और दफ्तर में उसका उपयोग होता था। अब सावधानी कम हुई है।

साभार: दैनिक भास्कर

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