खेतों के बीच 50 लाख खर्च कर बनाए पुल रोड नहीं इसलिए ग्रामीणों के लिए हैं बेकार
बिना सर्वे कराए कही भी बनाए पुल, जनता का पैसा बर्बाद होने के बाद भी कार्रवाई नहीं
जशपुर/अंकिरा. जिले में विकास के नाम पर हुए भ्रष्टाचार के मामलो में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिलकर ऐसी जगहों पर पुल बनाए हैं जिसकी न तो कोई आवश्यकता है और न ही उसकी कोई उपयोगिता। फरसाबहार विकासखंड में कई पंचायतों में 50 लाख रुपए की लागत से पुलियों का निर्माण कर सरकारी पैसों का दुरुपयोग पंचायतों ने किया। जशपुर विकासखंड में ऐसी पुलिया बना दी गई है, जो ग्रामीणों के किसी काम की नहीं है। फरसाबहार ब्लाक के ग्राम पंचायत झारमुंडा में पावर हाउस तालाब से पूर्व की ओर प्राधिकरण मद से 5 लाख रुपए से पुलिया बनाई गई है जो किसी काम की नहीं है। तामामुंड़ा से बरहाटुकु जाने वाले मार्ग पर तामामुंडा मुख्य मार्ग से पुलिया तक जाने का रास्ता ही नहीं है। बाबूसाजबहार के कुम्हारपारा से बेलडांड़ की और जाने वाले मार्ग में बनी पुलिया तक पहुंचने का रास्ता ही नहीं। जशपुर में भी दरबारीटोली के पीछे खेतों में भी तीन से चार पुलियों का निर्माण किया गया है, जिसका कोई औचित्य ही नहीं है।
इनकी है जिम्मेदारी
ग्राम पंचायतों में कार्य स्वीकृति के लिए सीधे तौर पर संबंधित सरपंच, सचिव और सब इंजीनियर जिम्मेदार होते हैं। सीधे तौर पर सरपंच कोई भी निर्माण कराने के लिए ग्राम पंचायत में कार्य का अनुमोदन कराता है। इसके बाद संबंधित स्थल का नक्शा प्राक्कलन और फोटो सहित स्वीकृति के लिए संबंधित जनपद पंचायत को भेजा जाता है। जिला पंचायत में कार्य को मंजूरी मिलती है। पुलिया का निर्माण कराने वाला सब इंजीनियर भी गलत निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि उनकी ही देखरेख में नक्शा, प्राक्कलन के साथ-साथ कार्य स्वीकृत होने के बाद ही निर्माण कार्य शुरु किया जाता है, लेकिन इन कामो में सबको दरकिनार करते हुए निर्माण कार्य कर दिया गया है। बताया जाता है कि अप्रैल 2014 में जहां आवश्यकता नहीं थी, वहां भी पुलिया बना दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। फरसाबहार के तत्कालीन सीईओ एसके मिंज ने मौके पर जाकर जांच की थी और आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही थी, लेकिन तमामुण्डा,बाबूसाजबहार एवं झारमुण्डा के ग्रामीणों की माने तो 2014 से लेकर अब तक कोई भी अधिकारी यहां लौटकर नहीं आए हैं और ना ही संबंध में किसी से कोई पूछताछ की गई है।
मनरेगा का हो रहा दुरूपयोग
फरसाबहार में मनरेगा के अंतर्गत खेतों में पुल का निर्माण कराया गया है,जिसका कोई उपयोग न के बराबर है। ग्रामीणों का कहना है कि इन पुलों का कोई इस्तेमाल नहीं करता है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल तक जाने के लिए पगडंडी तक नहीं है। पंचायत सीमा क्षेत्र ऐसे एक भी मकान नहीं है, जिसमें रहने वाले लोग इस पुल का इस्तेमाल कर सके। ग्रामीणों ने कहा कि 7 वर्षो में इस पुल का उपयोग 7 लोगों के द्वारा भी नहीं किया गया होगा। इस पुल के निर्माण में शासन का व्यर्थ में पैसा बर्बाद किया है
जांच कराई जाएगी, दोषी पर कार्रवाई होगी
“अगर ऐसा है तो गलत है,इसकी जांच करवाई जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
-केएस मंडावी,सीईओ जिला पंचायत जशपुर
साभार: दैनिक भास्कर