जिले में मनरेगा के तहत मार्च 2021 की स्थिति में 66 लाख 45 हजार से अधिक मानव दिवस का किया गया सृजन
मनरेगा के तहत डबरी, कुआं, तालाब, शौचालय, गौठान के लिए पषु षेड, चारागाह, एसएचजी शेड सहित अन्य कार्य शामिल है
मनरेगा कार्यस्थल पर कोविड-19 के मापदंडों का किया जा रहा पालन
जशपुर नगर 27 मार्च 2021/कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री महादेव कावरे के मार्गदर्शन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जशपुर श्री के. एस. मण्डावी के निर्देशन में नोवल कोराना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए जिले में प्रभावषील लाॅकडाउन की स्थिति में ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत पूरे जिले में व्यापक स्तर पर कार्य प्रारंभ किए गए हैं। मनरेगा के तहत ग्रामीण मजदूरों एवं प्रवासी श्रमिकों को उनके निवास स्थल के निकट ही विभिन्न प्रकार के आजीविका संवर्धन एवं हितग्राही मूलक निर्माण कार्यो के माध्यम से रोजगार का सृजन किया गया है। कोरोना महामारी के कारण लॉक डाउन की स्थिति में ग्रामीण मजदूर परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनोती थी। मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण मजदूरों को उनके निवास स्थल के करीब ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले के ग्राम पंचायतों मे मार्च 2021 की स्थिति में मनरेगा के माध्यम से विभिन्न कार्याें के द्वारा 65 लाख 45 हजार मानव दिवस का सृजन किया गया है। जिले में मनरेगा योजनान्तर्गत जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता से लिया गया है। जिसके अंतर्गत सार्वजनिक एवं निजी भूमि पर किये जाने वाले डबरी निर्माण, नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, कुंआ निर्माण, नाला सफाई, नाला बंधान कार्य के अतिरिक्त भूमि सुधार, भूमि समतलीकरण, शेड निर्माण, सीपीटी निर्माण, प्रधानमंत्री आवास निर्माण इत्यादि कार्य किया जा रहा है। मनरेगा का कार्य ग्रामीणों के लिए आजीविका का काम कर रही है। जिनसे उन्हें रोजगार के प्राप्त हो रहा है और उनके जीवन स्तर में बदलाव आ रहा है।
जिले में वर्ष 2019-20 में डबरी निर्माण के लिए 2293 कार्य स्वीकृत किए गए है जिसमें से 1550 कार्य पूर्ण कर लिए गए है। इसी प्रकार कुंआ निर्माण के 1382 स्वीकृत कार्यों में से 532 कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सामुदायिक तालाब गहरीकरण के लिए 158 कार्य में से 112 कार्य पूर्ण है। सामुदायिक नवीन तालाब निर्माण के लिए 230 स्वीकृत कार्याें में 160 कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही वर्ष 2020-21 मंे डबरी के 2191 स्वीकृत कार्याें में 571, कुंआ के 536 कार्य में 48, सामुदायिक तालाब गहरीकरण के 178 कार्य में 25 एवं सामुदायिक नवीन तालाब निर्माण के लिए 220 स्वीकृत कार्याें में 29 कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष कार्य प्रगतिरत है।
सामुदायिक पशु आश्रय के तहत् जिले में 424 स्वीकृत आश्रय में 207 पषु आश्रय पूर्ण तथा 194 पशु आश्रय प्रगतिरत है। चारागाह विकास के लिए 223 स्वीकृत गौठान में 107 पूर्ण, 66 प्रगतिरत है। नरेगा योजनांतर्गत चिन्हांकित 81 नरवा के कुल 9847 कार्य सम्मिलित है। जिसमें नरवा उपचार के अंतर्गत बोल्डर, चेकडेम, ब्रषहुड, चैकडैम, गाद निकासी, गैबियन, गली प्लग, कंटूर टैंªच, नाला सफाई के कार्य तथा क्षेत्र उपचार के अंतर्गत 30-40 माॅडल, भूमि सुधार, डबरी, नवीन तालाब के निर्माण कार्य किए जा रहे है। जिनमें 7034 स्वीकृत कार्याें 5664 कार्य पूर्ण कर लिए गए है। जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 में सामुदायिक वर्मी कम्पोस्ट टैंक के लिए 1650 नग स्वीकृत कार्य में 790 कार्य पूर्ण है। सामुदायिक नाडेप टैंक निर्माण कार्य के लिए प्रथम चरण के लिए 64 स्वीकृत गौठान में 320 नग नाडेप टैंक स्वीकृत की गई थी जिसमें 315 नग नाडेप टैंक पूर्ण कर लिया गया है। उक्त कार्य के लिए 39.695 लाख रुपए की प्रषासकीय स्वीकृति दी गई है। जिले में हाट बाजार संग्रहण केन्द्र 29 के स्वीकृत की गई है जिसमें 15 कार्य पूर्ण कर लिया गया है साथ ही लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र 4 कार्य स्वीकृत है। जिले में ठास एवं तरल अपषिष्ट प्रबंधन के लिए एसएचजी शेड 25 कार्य स्वीकृत की गई है। मनरेगा योजनांतर्गत 267 शौचालय निर्माण की स्वीकृत की गई है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मनरेगा कार्य स्थल पर श्रमिकों द्वारा सार्वजनिक दूरी का पालन कराने के साथ ही सेनिटाइजर व फेस मास्क का उपयोग करने के साथ ही कोविड 19 के मापदण्ड का पालन किया जा रहा है। समस्त स्थान जहां मनरेगा का कार्य चल रहा है, वहां मजदूरों के हाथ साफ करने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था की गई है।