महाकुंभ पर कोरोना का असर इसलिए प्रदेश के डेढ़ लाख घरों में पहुंचाएंगे हरिद्वार का गंगा जल हर-हर गंगे, घर घर गंगे के तहत गायत्री परिवार द्वारा किया जाएगा काम
14 जनवरी से 27 अप्रैल तक हरिद्वार में होने होगा महाकुंभ
जशपुर. पूर्ण महाकुंभ इस बार हरिद्वार में 14 जनवरी से 27 अप्रैल तक आयोजित होने जा रहा है। कुम्भ भारत ही नहीं पूरे विश्व में सबसे बड़ा आध्यात्मिक व धार्मिक आयोजन होता है। जिसमें भारत के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों से भी लोग करोड़ों की संख्या में भाग लेते हैं। हरिद्वार का महाकुंभ अपने आप में अनूठा होता है लेकिन इस बार कोरोना के कारण यह महाकुंभ अपने वास्तविक रूप में हो पाना कठिन है। ऐसे में करोड़ों लोग कुम्भ के प्रत्यक्ष लाभ से वंचित रह सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा देश के 10 लाख घरों में महाकुंभ का गंगाजल पहुंचाने का योजना बनाया गया है। जानकारी देते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार, प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ प्रतिनिधी दौलत राम चौहान ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी डेढ़ लाख घरों में महाकुंभ हरिद्वार का गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंध में तैयारी एवं श्रद्धालुओं के पंजीयन के लिए प्रदेश के 146 ब्लाकों में 18, 19 एवं 20 दिसम्बर तथा 25, 26 एवं 27 दिसम्बर को दो चरणों में गोष्ठियां आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश के 47 टोलियों ने गोष्ठी संपन्न कराया। उन्होंने बताया कि जिस किसी भी सज्जन को अपने घर में देव स्थापना एवं महाकुंभ का गंगाजल स्थापित करवाना हो वे अपने निकटतम गायत्री परिवार के सदस्यों से संपर्क कर अपना पंजीयन करवा सकते हैं। जिससे उनके घर में गंगाजल पहुंचाया जा सके। विदित हो कि इस क्रम में पंजीकृत घरों में गंगाजल, देवस्थापना, यज्ञ विधि पुस्तक एवं “हरिद्वार पहुंचा आपके द्वार“ नाम की पुस्तिका ये चारों चीजों का एक सेट निःशुल्क पहुंचाया जाएगा।
साभार: दैनिक भास्कर