वाओं को लघु एवं कुटीर उद्योग से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाए- कमिश्नर

पुलिस आपके मित्र हैं- पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा श्री आर पी साय
कलेक्टर ने चाय की खेती के लिए ग्रामीणजनों को किया प्रोत्साहित
एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
जशपुरनगर 13 मार्च 2021/जिला व्यापार उद्योग केन्द्र जशपुर के द्वारा आज सरना एथनिक रिसाॅर्ट में लघु एवं कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया और सरपंच,जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणजनों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की पीएमएफएमई स्र्टाटअप इंडिया, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योग, औद्योगिकी नीति 2019-24 के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर सरगुजा के संभागायुक्त सुश्री जिनेविवा किण्डो, पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा श्री आर पी साय, कलेक्टर श्री महादेव कावरे, पुलिस अधीक्षक श्री बालाजी राव, वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी फ्रारेन्सी श्री कुलदीप कुजूर, एसडीएम जशपुर श्री दशरथ सिंह राजपूत, महाप्रबंधक श्री एम.एस.पैंकरा, अंत्यावसायी के कार्यपालन अधिकारी श्री योगेश धु्रव, लीड बैंक अधिकारी श्री पैत्रुस ओडिया, सहायक प्रबंधक श्री शोवेन्द्र नायक, श्रीमती क्षमा चन्द्राकर, नायब तहसीलदार श्री संजय मोध्या एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
शिविर में सरगुजा के संभागायुक्त सुश्री जिनेविवा किण्डो ने संबोधित करते हुए कहा कि आज आप लोगों के लिए शिविर का आयोजन किया गया है ताकि दूरस्थ अंचल के लोगों को कुटीर एवं लद्यु उद्योग से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि ब्लाॅक स्तर में भी ऐसे शिविर का आयोजन होना चाहिए ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर भी इसका लाभ मिले और वे बैंक से ऋण लेकर या छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत संचालित योजना से लाभांवित होकर लद्यु एवं कुटीर उद्योग से जुड़ सके।
श्री पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा श्री आर पी साय ने संबोधित करते हुए कहा कि जशपुर जिले में उद्योग कम देखने को मिलता है। शिविर के माध्यम से निश्चित ही स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा और वे रोजगार से जुड़ेगें और आत्मनिर्भर बनेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस आपका मित्र है अपने आस-पास होने वाले अवैध शराब विक्रय, नशीली दवाईयों की बिक्री या आस पास होने वाले अन्य घटनाओं की जानकारी पुलिस को तत्काल दें ताकि इस पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने लोगों को ठगी से बचने के लिए बाहरी लोगों के झांसे में नहीं आने का आग्रह किया है। सोने चमकाने, ईनाम का लालच, लाॅट्री का लालच देकर फोन काॅल या लोगों के बहकावे में नहंी आने के लिए कहा है और ऐसे लोगों की जानकारी तत्काल पुलिस को देने के लिए कहा गया है।
कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने कहा कि आज जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणजनों को जागरूक करने के लिए उद्यमिता शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर के माध्यम से आज लोगांे को छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत संचालित योजना के तहत् लद्यु एवं कुटीर उद्योग से जोड़कर लाभांवित किया जाएगा। उन्होंने स्थानीय स्तर पर होने वाले उत्पादन और उसके विक्रय करके आर्थिक लाभ अर्जित करने के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने राजस्व विभाग के अंतर्गत संचालित योजना के साथ ही बांटाकन, सीमांकन, नामांकन, रजिस्ट्री, आरबीसी 6-4 की मुआवजा राशि सड़क दुर्घटना, जाति प्रमाण पत्र, फसल हानि के तहत् दी जाने वाली मुआवजा राशि के बारे में ग्रामीण जनों को बताया गया ताकि वे इसका लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि जशपुर में चाय की खेती की अपार संभावनाएं है, अन्य किसानों को भी चाय की खेती से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
पुलिस अधीक्षक श्री बालाजी राव ने कहा कि नए उद्योग नीति के तहत् युवाआंे को रोजगार से जोड़ने के लिए आज आज कार्यशाला का आयोजन किया गया है। पुलिस विभाग के क्या दायित्व है इसके बारे में भी उन्होंने बताया। उन्होंने कहा कि नए उद्योगों में कई प्रकार की दुर्घटनाए भी हो जाती है और उनको समाधान करने के लिए पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इस संबंध में भी उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीमा सभी को कराना चाहिए। साथ ही वाहन का भी बीमा कराना चाहिए। जिससे की दुर्घटनाओं होने पर प्रभावित व्यक्ति या उनके निकट के वारिसों को मुआवजा राशि दी जा सके। कार्यशाला में अंत्यावसायी के अंतर्गत संचालित योजना बैंकों के माध्यम से ऋण लेने की प्रक्रिया आदि के बारे में भी बताया गया। वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जावध ने शिविर में वनविभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने हाथियों से प्रभावित मुआवजा राशि के प्रावधानों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हाथी से किसी व्यक्ति को जनहानि होती है तो प्रभावित व्यक्ति के वारिसों हेतु 6 लाख की राशि का मुआवजा का प्रावधान है। हाथी से मकान क्षति होता है तो उन्हें मुआवजा राशि का प्रावधान दिया गया है। उन्होंने कहा कि हाथी से भी फसल हानि होने पर भी किसानों को मुआवजा राशि देने का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में लगभग 250 हाथी है। उन्होंने ग्रामीण जनों को हाथियों से सुरक्षित रहने के बारे में भी बताया। एसडीएम श्री दशरथ सिंह राजपूत ने राजस्व विभाग के बांटाकन, सीमांकन, नामांतरण, जाति प्रमाण पत्र एवं मुआवजा राशि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने इस संबंध में किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है इसके बारे में भी ग्रामीणजनों को अवगत कराया।

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