अतिक्रमण कर बनी 11 दुकानें हटाने पहुंचे नेताओं ने मना किया तो लौट गए अफसर

अशर्फी देवी के पास बेजा कब्जा हटाने गए अफसर और कर्मचारियों से बात करने पहुंचे निगम के नेता।
दो दिन पहले नोटिस देकर कब्जा हटाने के लिए कहा, तोड़फोड़ के लिए पहुंचा था निगम का दस्ता
रायगढ़. सोमवार को तहसीलदार और निगम के अफसर बूजी भवन रोड पर अशर्फी देवी चिकित्सालय के सामने नजूल जमीन पर हुए बेजा कब्जे को हटाने पहुंचे। विरोध हुआ तो सभापति जयंत ठेठवार, एमआईसी सदस्य सलीम नियारिया, शहर कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला समेत कांग्रेसी नेताओं ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई रुकवाई।
तहसील कोर्ट से दो दिन पहले नोटिस जारी किया गया था। नोटिस मिलने के बाद व्यापारी दहशत में थे, उन्हें सोमवार तक खाली करने के लिए कहा गया था। दोपहर में जब निगम की टीम यहां कार्रवाई करने पहुंची तो सभापति जयंत ठेठवार और एमआईसी सदस्य सलीम नियारिया को फोन कर बुला लिया।
नेताओं ने नायब तहसीलदार से तोड़फोड़ नहीं करने के लिए कहा। अफसर नहीं माने और उच्चाधिकारियों से बात करने के लिए कहा। सभापति ने विधायक प्रकाश नायक को फोन किया। जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को भी दी गई।
थोड़ी देर के बाद प्रशासनिक अमला वापस लौटा। जनप्रतिनिधियों के साथ कांग्रेसी भी यहां पहुंच गए। पुलिस को बुलाने के साथ तहसीलदार को भी आकर मामले को शांत कराना पड़ा।
नोटिस मिलने के बाद विधायक से मुलाकात
बूजी भवन रोड के व्यापारी रहमान बेग ने बताया कि 11 लोगों को 26 दिसंबर की शाम नोटिस दिया गया था। रविवार के बाद खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया था। इसके बाद वहां के व्यापारी विधायक प्रकाश नायक से मिलने के लिए गए थे। प्रकाश ने अफसरों से बात कर वहां तोड़फोड़ नहीं करने के लिए कहा था, लोगों को आश्वासन दिया गया था कि कार्रवाई नहीं होगी।
न कब्जा हटाया और ना ही खरीदने के लिए आवेदन दिया
राजस्व अधिकारियों का कहना है कि, दुकानदारों को नवंबर में भी नोटिस दिया गया था इसके बाद फिर दिसंबर में नोटिस जारी किया गया। पट्‌टा चाहिए था तो वे पट्‌टा लेने के लिए आवेदन करते, लेकिन किसी ने ना तो कब्जा हटाया और ना ही उसे खरीदने के लिए आवेदन किया। आसपास की जमीनों की कुछ दिन पहले ही नीलाम की गई थी, इसमें सरकार काफी ज्यादा राजस्व मिला था। अब प्रशासन अवैध कब्जों को हटाकर उसे भी नीलाम करने तैयारी थी।
साभार: दैनिक भास्कर

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