क्रिकेट में बीसीसीई की नई नियमावली,न खेल पायेगा फर्जी प्रमाण पत्र से कोई खिलाड़ी
बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के द्वारा जन्म प्रमाण पत्र एवम् अन्य कागजात संबंधी नए नियम जारी कर दिए गए हैं। जिससे अब काफ़ी कड़ाई होने जा रही है। जिला क्रिकेट संघ सचिव रामचंद्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 से लेकर आगे खेलने वाले खिलाड़ियों हेतु नई नियमावली जारी हुई है जिसके अंतर्गत अंडर 16 और अंडर 19 के खिलाड़ियों के लिए नियम तय कर दिए गए हैं जो 2020-21 सत्र से लागू होंगे। ये नियम इस प्रकार है-
1- इसमें 2020 के लिए कट ऑफ डेट एक सितंबर 2001 रखी गई है।
2- अंडर 16 में 14 वर्ष से कम उम्र के खिलाड़ी हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
3- अंडर 16 के खिलाड़ियों के लिए बोन टेस्ट अनिवार्य होगा।
4- अंडर 19 में जिन खिलाड़ियों का जन्म प्रमाण पत्र उनके जन्म होने के दो वर्ष के बाद बने हैं उन खिलाड़ियों को अंडर 19 में दो वर्ष खेलने की पात्रता होगी।
5- जो खिलाड़ी अंडर 16 से अंडर 19 में प्रवेश करेगें और उनका सफल बोन टेस्ट हुआ है तथा उनका जन्म प्रमाण पत्र उनके जन्म से दो वर्श के भीतर पंजीकृत हुआ है तो वह अंडर
19 में चार वर्ष खेल सकता है। लेकिन जिनका जन्म प्रमाण पत्र उनके जन्म होने से दो वर्ष के बाद पंजीकृत हुआ है तो वे खिलाडी 2 वर्ष ही अंडर 19 खेलने के लिए पात्र माने जाएंगे।
6- जो खिलाड़ी सीधे अंडर 19 में प्रवेश लेते हैं उनका जन्म प्रमाण पत्र उनके जन्म से दो वर्ष के भीतर पंजीकृत हुआ हो तो वे दो वर्ष तक खेलने के लिए पात्र होंगे, पर यदि उनका जन्म प्रमाण पत्र उनके जन्म होने से दो वर्ष के भीतर पंजीकृत नहीं हुआ है तो केवल एक वर्ष ही खेल सकेंगे।
7- सीनियर मेन्स और सीनियर वूमेंस में ही गेस्ट प्लयेर को खेलने की अनुमति होगी इसके अलावा किसी भी उम्र वर्ग में गेस्ट प्लयेर खिलाने की अनुमति टीम को नहीं है।
जिला क्रिकेट संघ सचिव रामचंद्र शर्मा ने कहा कि पूर्व में कुछ खिलाडी गलत जानकारी या लालच में आकर फर्जी प्रमाण पत्र की ओर ध्यान देते थे यही कारण है कि बीसीसीआई ने नियमावली को और कड़ा बना दिया है ताकि कोई गलत न कर सके।जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष संतोष पाण्डेय ने नियमों का कड़ाई से पालन करने की हिदायत सभी खिलाड़ियों को दी है। इन नियमों के आने से उम्मीद की जा रही है कि पारदर्शिता बढ़ेगी।