जिनका लिस्ट में नाम वे आते नहीं हैं, हर दिन खराब हो रही वैक्सीन की 25 से अधिक डोज

इंतजार किया, आने पर खुशी मनाई, लेकिन वैक्सीन लगवाने नहीं आ रहे हेल्थ वर्कर
रायगढ़. जिले के ब्लॉक स्तर पर कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। एक पखवाड़ा बीत चुका है लेकिन स्वास्थ्य कर्मी तो छोड़िए डॉक्टरों के मन से भी वैक्सीन को लेकर भ्रांति दूर नहीं हुई है। निर्धारित लाभार्थियों के नहीं आने के कारण टीकाकरण के दिन 25 से ज्यादा डोज खराब हो जाती है। मेडिकल कॉलेज कोविड वैक्सीनेशन के प्रभारी डॉ अशोक अग्रवाल कहते हैं, वैक्सीन लगवाने से डॉक्टर भी डर रहे हैं । कॉलेज कैंपस में ही दो लोगों की ड्यूटी वैक्सीन लाभार्थियों को बुलाने के लिए लगाई हुई है, पांच-छह लोग आते ही नहीं हैं। जो वैक्सीन खुली नहीं वह तो कोल्ड चेन प्वाइंट भिजवा दी जाती है लेकिन खुली हुई वायल डिस्पोजल के लिए भेजनी पड़ती है। कोशिश रहती है वेस्टेज कम हो, लेकिन सेंटर में छह-सात डोज खराब हो ही जाती है।
लोगों की लापरवाही से बर्बाद हो रही है उम्मीद की वैक्सीन
प्रशासन ने खूब तैयारी की लोगों को जागरूक किया, सेंटर बढ़वाए ताकि जल्द से जल्द वैक्सीनेशन पूरा हो सके और लाभार्थियों को दिक्कत ना हो फिर भी वैक्सीन खराब हो रही है। वैक्सीन को जिले के साथ देशभर के विशेषज्ञों ने सुरक्षित बताया फिर भी लोग डर रहे हैं।
बुधवार को ही आखिरी वक्त तक लाभार्थियों के टीका लगवाने नहीं पहुंचने के कारण 32 डोज डिस्पोज करनी पड़ी यानि बेकार हो गई।
सीएचसी धरमजयगढ़ में छह वायल खोला, 60 लोगों को टीका लगना था लेकिन 55 लोग ही आए और 5 डोज खराब हो गई।
पीएचसी डूमरपाली में 4 वायल खोली गईं, 40 लोगों को टीका लगाया जाना था लेकिन 36 लोग लगाए चार डोज खराब हो गई है।
मेडिकल कॉलेज के दूसरे सेंटर में 9 वायल खोली गईं। 90 लोगों को टीका लगना था लेकिन 83 लोग ही सेंटर पहुंचे। सात डोज वेस्ट डिस्पोज करनी पड़ी।
रामभाठा स्वास्थ्य केंद्र में पांच डोज खराब हुई । 25 जनवरी को कुछ डोज बेकार गई।
5 एमएल की वायल, 10 लोगों की डोज
एक वायल में पांच एमएल वैक्सीन होती है। एक लाभार्थी को पहली डोज आधा यानि 0.5 एमएल की लगती है। मतलब एक वायल खुलने पर दस लोगों को टीका लगता है। एक वाइल के खुलने पर चार घंटे के भीतर उसे खत्म करना होता है। इसके बाद वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती है, बची हुई खुराक डिस्पोज करनी पड़ती है। वैक्सीन सेंटर से उसे फिर कोल्ड चैन पाइंट पर भेज दिया जाता है। वहां उसकी एंट्री करके डिस्पोज किया जाता है।
5 लोग एक्स्ट्रा बुलाए जाते हैं ताकि खराब न हो
“वैक्सीन के कुछ डोज खराब हो रहे हैं, इसे सरकार मान कर चल रही है लेकिन हम यह पूरा प्रयास कर रहे हैं कि वैक्सीन किसी भी तरह से खराब ना हो पाए । जिन लोगों को दूसरे दिन टीका लगना है उस लिस्ट में से भी चार से पांच लोगों को बुलाते हैं ताकि डोज बर्बाद न जाए।”
-डॉ भानू पटेल, जिला टीकाकरण अधिकारी
साभार: दैनिक भास्कर

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