ढलाई के लिए छत पर बिछा रहे थे सरिया बिजली तार को छुआ, करंट से दो की मौत
रायगढ़. वृंदावन कॉलोनी के नजदीक एक भवन में छत ढलाई के लिए सेंटरिंग के दौरान हाइटेंशन लाइन के संपर्क में आए दो मजदूरों की झुलसने से मौत हो गई। हादसा गुरुवार की देर रात हुआ। एक मजदूर ने जैसे ही सरिया उठाया, वह 33 किलोवोल्ट की लाइन से छू गया। कुछ सेकेंड में ही उसकी मौत हो गई, वहीं थोड़ी दूर बैठा दूसरे मजदूर को भी करंट लगा। अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हुई। व्यवसायी अनिल केडिया वृंदावन कॉलोनी के पास लगभग 5 हजार स्क्वायर फीट हिस्से में मकान बना रहे हैं, ठेकेदार मनोज गोयल है। गुरुवार की रात 3500 वर्गफीट पर ढलाई के लिए सेंटरिंग बांधी जा रही थी।
सारंगढ़ के किशोर कुमार निषाद (23) और चेतन वैष्णव (40) रात लगभग 10.30 बजे छड़ बांध रहे थे। इसी दौरान छड़ का एक सिरा 33 किलोवोल्ट पावर लाइन से टकरा गया। छड़ को पकड़े मजदूर चेतन की तुरंत मौत पर ही मौत हो गई।
जबकि किशोर निषाद बुरी तरह झुलस गया जिसकी इलाज से पहले मौत हो गई। शुक्रवार सुबह जिला प्रशासन, नगर निगम, सीएसईबी और पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जांच के बाद अफसरों की टीम ने निर्माण को अवैध बताया।
भवन से चार फीट की दूरी पर हाइटेंशन लाइन
निर्माणाधीन भवन की के नजदीक ट्रांसफार्मर है, यहां से निकली सप्लाई लाइन की दूरी छत से लगभग चार फीट है। सरिया सीधा करने के दौरान पावर लाइन को छू गया। शहर में ज्यादा घरों के बाहर सामने 11 या 33 केवी की लाइन गुजरती हैं। छत की ढलाई के दौरान तार से दूरी 3-10 फीट होती है। तारों में पीवीसी पाइप डालकर ऐसी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।
निगम अफसर बोले: 6 हजार स्क्वायर फीट पर बिल्डिंग निर्माण की अनुमति नहीं
परिवार को मौत की खबर 5 घंटे बाद मिली
रात 11 बजे मजदूरों की मौत हुई। इसके बाद घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने ठेकेदार को इसकी जानकारी दी। लेकिन ठेकेदार ने मजदूरों के परिवार को सूचना देना सही नहीं समझा। परिवार को सुबह 4 बजे एक अन्य मजदूर से फोन आने पर घटना के बारे में पता चला। सूचना मिलते ही मजदूर का पूरा परिवार रायगढ़ आ गया।
मुआवजे के लिए 18 घंटे तक छत पर पड़ा रहा शव
ठेकेदार की ओर से मुआवजा राशि नहीं दी जा रही थी। जिला प्रशासन और पुलिस परिवार को 1 लाख मुआवजा दिला रहा था लेकिन परिवार ने अतिरिक्त राशि की मांग की। इस वजह से शव का पंचनामा करने नहीं दिया जा रहा था। शाम 5 बजे चेतन के परिवार को डेढ़ लाख का मुआवजा मिला और किशोर के परिवार को 80 हजार रुपए दिए गए।
हादसे के लिए ये जिम्मेदार
भवन का मालिक- अनिल केडिया निर्माण ठेकेदार- मनोज गोयल श्रम विभाग के अफसर (क्योंकि असंगठित क्षेत्र में मजदूरों की सुरक्षा के इंतजाम हैं या नहीं, बीमा और दूसरे प्रावधानों का पालन किया जा रहा है या नहीं, इसकी जांच नहीं की जाती है। ठेकेदार ज्यादातर मजदूर रोजी पर रखते हैं।)
मालिक पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी
”निर्माण अवैध है, इसके लिए निगम से अनुमति नहीं ली गई है। 100 प्रतिशत हिस्से में निर्माण हो रहा है। भवन मालिक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। ”
अभिषेक गुप्ता, प्रभारी आयुक्त
ठेकेदार के खिलाफ होगी एफआईआर
”मामले में संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध एफआईआर कराई जाएगी। मामले में रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सभी एंगल से पुलिस जांच कर रही है। ”
चमन सिन्हा, टीआई, कोतरा रोड
साभार: दैनिक भास्कर