धरमजयगढ़ में कांग्रेसी गढ़ को ध्वस्त करने वाले ओमप्रकाश राठिया नहीं रहे

रायगढ़. धरमजयगढ़ के पूर्व विधायक और संसदीय सचिव रहे ओमप्रकाश राठिया का बुधवार रात 9.40 बजे रायपुर एम्स में मौत हो गई। वे 55 वर्ष के थे। पोस्ट ग्रेजुएट आदिवासी नेता कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली धरमजयगढ़ सीट पर बीजेपी को जीत दिलाई। 2003 में पहली बार विधायक बने तब उन्होंने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे दिग्गज नेता चनेश राम राठिया को हराया था। उनके निधन पर बीजेपी के आला नेताओं ने दुख जताया है। ओमप्रकाश राठिया आदिवासी अंचल धरमजयगढ़ के तेज तर्रार नेता माने जाते थे। 24 दिसंबर को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें 26 को रायगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मंगलवार को ही रायपुर एम्स रिफर किया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। ओमप्रकाश ने 2003 में चनेशराम को 15 हजार से अधिक मतों से हराया था, दूसरी बार 2008 में चनेश को ही साढ़े तीन हजार वोटों से हराया। लगातार दूसरी बार विधायक बनने पर रमन सरकार में उन्हें संसदीय सचिव बनाया गया था। 2013 में चनेशराम के बेटे और युवा कांग्रेस नेता लालजीत राठिया ने उन्हें परास्त किया। ओमप्रकाश रायगढ़ जिले के भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2018 के चुनाव में पार्टी ने उनके बदले उनकी बहू लीनव राठिया को पार्टी का टिकट दिया था।
साभार: दैनिक भास्कर

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