निर्माण पूरा होने से पहले ही एनएच पर हर सौ मीटर में दरार और गड्‌ढे

रबर स्ट्रिप का नाम तक नहीं यही बन रहा हादसे का कारण
रायगढ़. नेशनल हाइवे की नई पहचान अब गड्‌ढे और दरकते निशान बन चुके हैं। सड़क पर हर 100 मीटर में दरारें नजर आ रही है। गड्‌ढे भी बन गए हैं, जो दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते हैं। इन सबके पीछे कारण ठेकेदार की लापरवाही और अफसरों की कमजोर मॉनिटरिंग को बताया जा रहा है। इससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेंगालपाली-बिलासपुर, रायगढ़ -सराईपाली नेशनल हाइवे सहित जिले में जिस भी सड़क को एनएच ने हैंड ओवर लिया है। सभी का बुरा हाल है। एनएच की लगभग सभी सड़कों में टूट-फूट नजर आ रही है। सड़क पर जगह-जगह दरारें दिख रही हैं। कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्‌ढे बन गए हैं, जो हादसे का कारण बन रहे हैं। आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मौत हो रही है। बावजूद अफसर इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। सड़क को जोड़ने वाली रबर स्ट्रिप भी कई जगहों पर नहीं बनी है। सड़क को कंप्लीट हुए तीन साल ही हुए हैं, लेकिन सड़क को देखकर लगता है कि यह सालों पुरानी सड़क हैं, जो मरम्मत के अभाव में दरकती नजर आ रही है।
900 करोड़ रुपए की सड़कें, जो बनते ही खराब होने लगी
बिलासपुर से रेंगालपाली 60 किलोमीटर और रायगढ़ से सराईपाली तक 87 किलोमीटर हाइवे बनाने के लिए 900 करोड़ रुपए फंड मंजूर किया है। सड़क बनने के बाद दावा किया जा रहा था कि कई सालों तक मेंटेनेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन गुणवत्ता ऐसी है कि सड़क पूरी ही नहीं हुई है और सड़कों के बीच में दरारें और गड्‌ढे बनने शुरू हो गए हैं। इससे हाइवे पर हादसे भी बढ़े हैं।
ये है जिम्मेदार
रायगढ़ नेशनल हाइवे के एसडीओ बीएल ध्रुव
साइट पर मॉनिटरिंग करने वाले बीएस भदौरिया
ठेकेदार रामकी कंस्ट्रक्शन, बजरंग अग्रवाल
गड़बड़ी की शिकायत हुई तो रेंगालपाली-बिलासपुर एनएच की मरम्मत हुई शुरू
रेंगालपाली-बिलासपुर रोड पर मरम्मत का काम शुरू हो चुका है। दरअसल केआईटी कॉलेज के सामने कई दरारें है, जिन्हें भरने काम शुरू किया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार शुरुआत में रोड पर केवल सीमेंट का घोल भरकर दरारें छिपाई जा रही थी। इसकी शिकायत होने के बाद अब फिर से सड़क को खोदकर बनाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि इस सड़क को बने महज तीन साल ही हुए हैं, लेकिन सड़कों में हर 100 मीटर पर दरारें पड़ चुकी हैं जो निर्माण की गुणवत्ता की पोल खोल रही है।
बायपास में सड़क का निर्माण अब भी अधूरा
ढिमरापुर से कोतरारोड बायपास मार्ग का हिस्से को सुधारने की जिम्मेदारी भी एनएच की है। सड़क दो बार बनने के बाद भी तुरंत उखड़ गई। लगातार शिकायत होने के बाद एनएच ने ठेकेदार को अपनी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कहा। ठेकेदार ने ढिमरापुर चौक और लगभग 100 मीटर हिस्से को डामर की परत चढ़ाकर इस तरह बनाया कि उसका एक साल भी टिकना मुश्किल हो जाएगा। 100 मीटर सड़क बनाने के बाद डेढ़ किलोमीटर के हिस्से को छोड़ दिया गया।
साभार: दैनिक भास्कर

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