17 नवंबर से कोर्ट में शुरू हुई थी नियमित सुनवाई लेकिन पेंडेंसी अब भी कम नहीं
जरूरत पड़ने पर विशेष न्यायाधीश भी प्रकरणों की सुनवाई कर रहे
रायगढ़. 17 नवंबर से न्यायालय खुलने लगे हैं लेकिन पेंडेंसी अभी भी है। आवश्यकता पड़ने पर विशेष मामलों पर भी विशेष न्यायाधीश भी प्रकरणों की सुनवाई कर रहे हैं। साथ ही साल भर के नए मामले अभी पेश हो रहे हैं। जिससे कई लोगों के जमानत की अर्जी पेंडिंग हैं। वही पेंडेंसी के कारण सिर्फ तारीख मिलने से लोग परेशान भी है।
अब कैसी है न्यायाधीशों द्वारा केस सुनवाई की व्यवस्था – जिले में सात एडीजे और चार जेएमएफसी हैं। रोटेशन सिस्टम के तहत सुनवाई हो रही है। सुबह 11 से 2 बजे तक ही फाइलिंग हो रही है, जिससे फाइलिंग करने में देरी हो रही है। लंबित मामलों और रिमांड तथा अंडर ट्रायल वाले मामले ही सुने जा रहे हैं। कोर्ट के अंदर दोनों पक्षों के वकीलों पक्षकारों और गवाहों को जाने की अनुमति है। जिले में 2020 में 475 सिविल और 3561 क्रिमिनल केस रजिस्टर्ड हुए हैं। ये मामले पेंडिंग हैं क्योंकि पुराने मामलों की सुनवाई हो रही है।
कोरोनाकाल में ई अदालत से मामले निपटाए गए
“कोरोनाकाल में अच्छा काम हुआ है, रिमांड के लिए मजिस्ट्रेट और सेशन जज बैठते थे। दिसंबर में नेशनल ई अदालत के माध्यम से मामलों को निपटाया गया, पेंडेंसी बढ़ी है पर कुछ दिनों में सब सामान्य हो जाएगा।”
-गौरव मिश्रा, कोर्ट मैनेजर, रायगढ़
पेंडेंसी बढ़ने से परेशानी
“अभी न्यायालय में रेगुलर तरीके से मामलों की सुनवाई की जा रही है। मगर कोरोना काल में कोर्ट बंद होने से पेंडिंग केस बढ़े हैं, जमानत और केस रजिस्ट्रेशन में देरी होने से लोगों को परेशानी हो रही है।”
-राजेंद्र पांडेय, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ रायगढ़
साभार: दैनिक भास्कर