बिना लाइसेंस के चल रही थी क्लीनिक व मेडिकल शॉप, टीम ने कर दिया सील
ड्रग इंस्पेक्टर ने थाने में मामला दर्ज कराया, झोलाछाप फरार
रायगढ़. मंगलवार को बिना लाइसेंस के दवा बेचने और क्लीनिक चलाने की शिकायत मिलने पर ड्रग इंस्पेक्टर कार्रवाई के लिए पहुंचे तो झोलाछाप क्लीनिक बंद कर भाग गया। ताला तोड़ कर अफसरों ने जब्ती बनाई और पूंजीपथरा थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया।
दरअसल यह झोलाछाप पिछले साल भी पकड़ा गया था, तब इसने तौबा करते हुए भविष्य में डॉक्टरी नहीं करने का शपथ पत्र दिया था। पूंजीपथरा इलाके में राजेंद्र सागर नाम के झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक सील की गई है। कार्रवाई के लिए अफसरों को आता देख वह ताला लगाकर भाग निकला। इससे पहले 6 फरवरी को धरमजयगढ़ के मिरीगुड़ा में महेंद्र जोल्हे नाम के हकीम पर कार्रवाई की गई थी। वह गांव गांव जाकर लोगों को इलाज करता था। बीएमओ को शिकायत मिलने के बाद इस पर कार्रवाई की गई थी। पहली बार समझाइश देने के बाद इसे छोड़ा गया था। अफसरों के मुताबिक एक महीने में लगभग 10 झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
जहां क्वालिफाइड डॉक्टर नहीं वहां झोलाछाप का राज
जिले में 80 से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर हैं। इनमें ज्यादातर प्रैक्टिशनर बिना लाइसेंस के दवा भी रखते हैं। ग्रामीण इलाकों में डायरिया, बुखार समेत छोटे मर्ज के इलाज के लिए आईवी फ्लूड के साथ ही एलोपैथी की दवा देते हैं। झोलाछाप डॉक्टर आसपास के गांव में घर पहुंच इलाज करते हैं। छोटे बस्तीनुमा गांव में क्वालिफाइड डॉक्टर नहीं होने और मामूली तकलीफों के लिए ब्लाक या शहर नहीं जाने के कारण ग्रामीण इनसे इलाज कराते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हायतौबा ना मचे इसलिए जानकारी के बावजूद स्वास्थ्य विभाग इन पर कार्रवाई नहीं करता। बड़ी घटना होने या फिर बड़े अफसरों की फटकार के बाद कार्रवाई की जाती है।
हर हफ्ते कार्रवाई कर रिपोर्ट देने के निर्देश
कोरोना संक्रमण के दौरान कई गांव में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा कोरोना मरीज या फ्लू के लक्षण वाले मरीजों का इलाज किया गया था। इससे कुछ जगहों पर सामुदायिक संक्रमण जैसे हालात बन गए थे । कलेक्टर भीम सिंह ने इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे । साथ ही उन्होंने हर हफ्ते जानकारी देने के लिए कहा था। स्वास्थ्य और ड्रग विभाग झोलाछाप पर लगातार कार्रवाई कर रहा है।
कार्रवाई जारी रहेगी
“ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी नहीं है लेकिन यह झोलाछाप पिछले साल पकड़ा गया था। शपथ पत्र के बाद इसे छोड़ा गया था। जिले में अवैध रूप से चल रही क्लीनिक या झोलाछाप द्वारा की जा रही प्रैक्टिस पर कार्रवाई जारी रहेगी।”
-केडी पासवान, नर्सिंग होम एक्ट प्रभारी स्वास्थ्य विभाग
साभार: दैनिक भास्कर