कोतवाली थाना रायगढ़
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मोर घर, मोर शहर, सुघ्घर रायगढ़
देश में आक्रमकता की राजनीति पूरे उफान पर है। ऐसे मे छत्तीसगढ़ भाजपा के यूथ आईकॉन ओ.पी.चौधरी का यह वक्तव्य कि विपक्ष मे ही सही पर हम सकारात्मक राजनीति करेंगे धूप मे एक ठंडी बयार का एहसास दिलाता है। इन्सान जब जीतता नहीं तब वह सीखता जरूर है यह मंत्र उन पर पूरी तरह लागू होता है। आज अपने ईर्द-गिर्द देखिए, सोशल प्लेटफार्म पर नजरें दौड़ाएं तो राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे की टांग नहीं पजामा तक खींचने को तत्पर हैं वैसी स्थिति मे रायगढ़ की राजनीति के लिए ओपी का यह वक्तव्य एक सुखद संयोग है।
अब जरा अपने शहर की बात करें तो रायगढ़ स्वच्छता सर्वेक्षण की रेस मे है। होना तो यह था कि हम सब रायगढ़वासी ऐड़ी-चोटी का जोर लगा देते इसे टॉप में लाने के लिये लेकिन कर क्या रहे हैं हम? शहर सौन्दर्यीकरण के लिए जगह-जगह उकेरी जा रही सुन्दर तस्वीरों को एक सिरे से खारिज कर सड़कों के व्यवस्था और सुन्दरता की बातें करने लगते हैं। सड़कें तो हर शहर और शहरवासियों की लाईफ लाईन होती हैं। हमसे जादा निर्माणकर्ताओं के लिए। सड़कें तो बेशक बनेंगी बस कैसी बनेगी यह देखने वाली बात होगी। अब तक तो महज पढ़ा और देखा भी है कि पहली बारिश मे सड़कों ने निगम की पोल खोली। ऐसी हेडलाइन पढऩे को न मिले तो बेहतर। हमने अपने प्रतिनिधि इन्हीं सपनों और आशाओं की पूर्ति करने के लिऐ चुने थे कि कम से कम ये अपने वार्ड की मूलभूत सुविधाओं के साथ उसे सुन्दर बनाने की पुरजोर कोशिश करें। क्या यह भाव हम सभी मे मौजूद है?
मोर शहर, मोर घर, सुघ्घर राइगढ़ जब निगम आयुक्त ने सर्वेक्षण तक अपनी सेलरी न लेने की बात कह डाली है तब जनप्रतिनिधियों और जनता का भी कुछ तो कर्तव्य बनता है भाई।
एक बहुत पुरानी घटना का उल्लेख करना चाहूंगी। 1965 के युद्ध मे पाकिस्तान की करारी शिकस्त के बाद जब ताशकंद समझौते का प्रयास चल रहा था तब पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयूब खान से बीबीसी के संवाददाता मार्क टली ने पूछा जब आप भारत के प्रधानमंत्री शास्त्री जी से मिलेंगे तो आप दोनों मे क्या बातें होगी। छ: फुटिये जनरल ने जवाब दिया था शास्त्री वो छोटे कद का ईन्सान? मुझसे क्या बात करेंगे वे। यही सवाल कुछ दिनों बाद मार्क टली ने शास्त्री जी से पूछी तो उस पाँच फुटिये प्रधानमंत्री का जवाब था कि जनरल ने सच ही कहा कि हम दोनों वहां क्या बात करेगें मार्क? वे अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे और मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व करूंगां वहां। फर्क बस यह होगा कि वह झुककर मुझसे बाते करेंगे और मै सर उठाकर अपने देश का प्रतिनिधित्व करुगां। मेरे लिऐ यही गर्व की बात होगी।
इन तीनों वृत्तांत के परिप्रेक्ष्य अलग-अलग जरूर हैं लेकिन इन तीनों मे गहरी समानता है। सकारात्मक सोच और कार्य के प्रति अपनापन। अगर हम सचमुच अपने शहर को सुन्दर और स्वच्छ बनाना चाहते हैं तो इसी सकारात्मक सोच के साथ अपनेपन का भाव लाना होगा।
आशा त्रिपाठी
asha.kmt@gmail.comमोर घर, मोर शहर, सुघ्घर रायगढ़देश में आक्रमकता की राजनीति पूरे उफान पर है। ऐसे मे छत्तीसगढ़ भाजपा के यूथ…
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