अब महिला समूह भी चलाएंगे फ्लाई एश ब्रिक्स प्लांट
सिलाई, फूड प्रोसेसिंग प्लांट के लिए ग्रामीण महिला समूहों को मिलेगा लोन
रायगढ़. जिले में महीनेभर से अभियान चलाकर प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना (पीएमईजीपी) में महिला समूहों को जोड़ा जा रहा है। महिलाएं इससे इतनी उत्साहित हैं कि सिलाई-कढ़ाई जैसे सामान्य कामों के अलावा फ्लाई एश ब्रिक्स प्लांट लगाने तक की तैयार कर रही हैं। कुछ समूहों ने इसके लिए आवेदन दिया है। इसके साथ ही टेलरिंग, कैरीबैग और खाद्य उत्पाद यूनिट डालने के लिए भी महिलाएं आगे आ रही हैं। उद्योग विभाग ब्लॉक मुख्यालयों में शिविर लगा कर ऑनलाइन फार्म भरवा रहा है। कलेक्टर भीम सिंह के निर्देश पर उद्योग विभाग आवेदन की शॉर्टिंग कर लोन दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। रायगढ़ ब्लॉक के भेलवाटिकरा गांव की महिलाओं ने फ्लाई एश ब्रिक्स यूनिट के लिए लोन मांगा है। सारंगढ़ के सुरभी महिला समूह के कैरी बैग बनाने और सिलाई केंद्र के भी आवेदन आए हैं। ज्यादा से ज्यादा महिला समूहों को लोन मिल सके इसके प्रयास किए जा रहे हैं। महिला समूहों को लोन देने पर रुपयों की रिकवरी की संभावना ज्यादा होती है। बैंकर्स ने उद्योग विभाग से ज्यादा आवेदन जमा कराने के लिए कहा ताकि कुछ रिजेक्ट हो तो भी पर्याप्त लोन बांटा जा सके। उद्योग विभाग ने हर ब्लॉक से अभी तक 300 से ज्यादा आवेदन भरवाए हैं। पहले चरण में 41 प्रकरण बैंकों को भेजे गए हैं। स्वीकृति के बाद दूसरे समूहों के आवेदन भेजे जाएंगे।
रजिस्टर्ड होने के बाद 25 लाख तक लोन
पीएमईजीपी योजना में जनपद स्तर पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद महिला समूहों को स्वरोजगार के लिए 25 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए यह लोन उपलब्ध कराया जाता है। सरकार 35 फीसदी तक की सब्सिडी देती है।
लोन मिले यह कोशिश
“सभी ब्लॉक मुख्यालयों में पीएमईजीपी के तहत उद्योग विभाग ने फायनेंस के लिए केस रजिस्टर्ड करवाए हैं। कलेक्टर साहब ने महिला स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उद्योग विभाग ने ये मामले बैंकों को भेजे हैं। कल ही बैंकर्स के साथ बैठक हुई है। बैंकर्स का कहना है कि वे प्री सर्वे करेंगे उसके बाद लोन देने का फैसला करेंगे।”
-एमआर लहरे, लीड बैंक मैनेजर
साभार: दैनिक भास्कर