कर्मियों में आक्रोश:वेतन बढ़ोतरी और प्रमोशन पहले से बंद, अब वेतन कटौती से बढ़ी कर्मचारियों की नाराजगी

कोरबा. लैंको पावर प्लांट के भू-विस्थापित कर्मियों का कहना है कि अपनी जमीन देने के बाद भी भू- विस्थापित कर्मचारी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। प्रबंधन ने पदोन्नति नीति व वेतन समझौता पर पहले ही रोक लगा दी,अब कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने पर अनुपस्थिति के चलते वेतन में कटौती कर दी। इससे कार्यरत कर्मियों को कोरोना काल में दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरबा- चांपा मार्ग में ग्राम पताढ़ी के पास स्थित लैंको पावर प्लांट में आसपास के ग्रामीणों ने अपनी जमीन दी है। प्रबंधन ने सभी भू-विस्थापितों को नौकरी नहीं दी, पर जिन भू-विस्थापितों को नौकरी दी गई। प्रबंधन के रवैये से वे भी परेशान है। कर्मचारियों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए जूझना पड़ रहा है। कोरोना काल में प्रबंधन ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर दी। इससे कर्मियों में आक्रोश व्याप्त है। लैंकों प्लांट में कार्यरत नियमित व असंगठित मजदूरों को वर्तमान वेतन के साथ ही बोनस का भुगतान किया जाने का प्रावधान है, पर प्रबंधन ने अभी तक इस संदर्भ में बैठक आयोजित नहीं की। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है। जिले में सार्वजनिक क्षेत्र के कंपनियों के कर्मचारियों के लिए बोनस भुगतान कर दिया गया है। निजी क्षेत्र में बालको ने अपने कर्मचारियों को बोनस दे दिया है। जबकि लैंकों कर्मचारियों के लिए अभी तक बोनस को लेकर कोई निर्णय नही हुआ है।
30 को करेंगें प्रशासनिक भवन का घेराव
लैंको प्लांट के कर्मचारियों ने बिजली उत्पादन कर्मचारी संघ के बैनर तले आंदोलन करने का निर्णय लिया है। प्रबंधन से कहा है कि समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया, तो 30 अक्टूबर को प्रशासनिक भवन का घेराव किया जाएगा। संगठन के महासचिव शिव कुमार पाटले ने कहा कि प्रबंधन कर्मियों की समस्याओं का निराकरण करने गंभीर नही है। लंबे अरसे से टालमटोल की नीति अपनाई जा रही है। सभी कर्मचारी इसके लिए लामबंद हो रहे हैं।
अवकाश में भी कटौती कर रहा प्रबंधन
भू-विस्थापित कर्मियों का कहना है कि प्रबंधन ने कोरोना काल में वेतन की कटौती कर दी। इसके साथ ही कर्मचारी या उनके परिजनों के संक्रमित होने के कारण सीएल, एसएल व ईएल लागू कर दिया। जबकि शासन के नियमानुसार किसी भी कर्मी की छुट्टी नहीं काटा जाना है। प्रबंधन से मांग की गई है कि संक्रमण की वजह से कटौती की गई छुट्टियों को निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अवकाश का वेतन भी प्रबंधन ने रोक दिया है, इसका भुगतान समय पर होना चाहिए।

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