कागजों पर ही सामुदायिक सर्वे, 16 हजार 523 घरों में नहीं पहुंची टीम स्वास्थ्य विभाग की टीम
जांजगीर. जिले में कोरोना मरीजों की पहचान करने के लिए अक्टूबर माह में सप्ताह भर सर्वे किया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम का दावा है कि 3 लाख 48 हजार नौ घरों तक पहुंची। इस दावे के अनुसार टीम 16 हजार 523 घरों तक नहीं पहुंच सकी। यदि एक घर में औसतन चार सदस्य भी माने तो 66 हजार लोगों का सर्वे ही नहीं हो सका। अक्टूबर माह की शुरुआत में कोरोना पीक पर था, लेकिन लोग टेस्ट कराने में लापरवाही बरत रहे थे। सर्दी खांसी, बुखार की दवा अपने स्तर पर ले रहे थे। इससे संक्रमण बढ़ने की आशंका थी, इस वजह से प्रदेश भर में 5 अक्टूबर से सघन सामुदायिक सर्वे अभियान शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य ऐसे लोगों की पहचान करना था, जिनमें कोरोना के लक्षण थे, साथ ही ऐसे लोग जो हाईरिस्क जोन में थे। इस कार्य के लिए जिले में 3 हजार 249 टीम बनाई गई थी, जिसमें 6 हजार 498 लोगों को शामिल किया था। टीम के लोगों को प्रत्येक घराें में जाकर कोरोना के लक्षण की जानकारी लेनी थी। टीम ने इस दौरान शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे किया। स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे के बाद आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के अनुसार 3 लाख 48 हजार 9 घरों में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, जितने घरों में पहुंचने का दावा किया है, उन घरों की यह संख्या वर्ष 2011 की जनगणना से 16 हजार 523 घर कम हैं।
घरों और सदस्यों की संख्या और भी हो सकती है अधिक
जितने घराें में टीम नहीं पहुंची ऐसे घरों की संख्या और वहां रहने वालों की संख्या और भी अधिक हो सकती है, क्योंकि वर्ष 2011 के बाद से घरों की संख्या भी बढ़ गई होगी और उन घरों में रहने वालों की संख्या भी अधिक होगी।
सर्वे में तब मिले थे 7499 सिम्टोमेटिक
सप्ताह भर के सर्वे में जिले में 7499 लोग कोरोना के लक्षण वाले मिले थे, जिसमें 996 लोग जोखिम वाले थे। इनमें से 6276 लोगों का एंटीजन टेस्ट कराया गया था, जिसमें 710 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे, वहीं आरटीपीसीआर टेस्ट में 34 पॉजिटिव मिले थे।
विभाग ने नहीं लिए जनगणना के आंकड़े
स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे से पहले जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग से घरों व जिले के लोगों की जनसंख्या की जानकारी भी नहीं ली गई। विभाग ने अपने विभागीय कार्यक्रमों के लिए एकत्रित घरों की संख्या के आधार पर ही सर्वे कर दिया।
सर्वे नहीं होने से सभी को है खतरा
टीम ने जिन परिवारों को सर्वे में छोड़ दिया है। उस परिवार के सदस्यों को कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है। साथ-साथ उनके संपर्क में आने वाले अन्य लोग भी इससे संक्रमित हो सकते हैं।
लोगों ने कहा… सर्वे करने टीम नहीं आई
- वार्ड नंबर 18 में रहने वाले दिनेश चौबे ने बताया कि पेपर से यह जानकारी मिली थी कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई टीम डोर टू डोर सर्वे करेगी, लेकिन हमारे घर में विभाग की टीम इस दौरान सर्वे करने के लिए नहीं पहुंची।
- वार्ड नंबर 6 के अशोक थवाईत ने बताया कि उनके यहां इस दौरान स्वास्थ्य विभाग या किसी भी विभाग की टीम सर्वे के लिए नहीं पहुंची।
पहुंचने की कोशिश की
“शत प्रतिशत घरों में पहुंचने की कोशिश की गई है। विभागीय कार्यक्रमों का संचालन के लिए पहले भी घरों के सर्वे किए गए हैं, उसी आधार पर सामुदायिक सर्वे किया गया है।” -डॉ. पुष्पेंद्र लहरे, सर्विलांस अधिकारी, जांजगीर