काेराेना टेस्ट में भी असमंजस, एक रिपोर्ट में पाॅजिटिव दूसरे में बताया निगेटिव

जांजगीर. कोविड टेस्ट कराने पर दो प्रकार की रिपोर्ट मिल रही है, इससे जांच कराने वालों को भ्रम हो रहा है कि वे पॉजिटिव हैं या निगेटिव। एक ही दिन टेस्ट कराने पर ऐसी स्थिति होने से परेशानी भी बढ़ रही है कि आखिर सही क्या है। दूसरी ओर सीएमएचओ का कहना है कि यदि एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आ रही है और मरीज को लगता है कि वह सिम्टोमेटिक है तो उन्हें आरटीपीसीआर टेस्ट कराना ही चाहिए। जिला मुख्यालय में काेरोना का टेस्ट करने के लिए दो सेंटर बनाए गए हैं। जिला अस्पताल में शुरू से ही कोरोना का एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। करीब महीने भर पहले पुराना जिला अस्पताल में भी कोराेना का एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। इसके अलावा जिला अस्पताल में ट्रू नॉट और आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भी सैंपल लिए जाते हैं। अभी तक जिले में 9 हजार 477 लोगों को विभिन्न प्रकार के टेस्ट में काेरोना की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इनमें से 7हजार 361 मरीज कोरोना को हरा भी चुके हैं, और अब वे स्वस्थ हैं। जबकि गुरुवार की रात 10.30 बजे मिली रिपोर्ट के अनुसार 2037 मरीज अभी भी एक्टिव हैं। जबकि होम आइसोलेशन में अभी भी 3325 लोग हैं। दोनों केस की सच्चाई की जांच भी चाहे तो स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से कर सकता है। जांच करने के लिए विभाग को कुछ एक्स्ट्रा करने की जरूरत नहीं है। बस इतना करना होगा कि इन दोनों तारीखों में जितने लोगों के दोनों अस्पतालाें में किए गए हैं।
पहले दिन निगेटिव, दूसरे दिन पॉजिटिव
जिला मुख्यालय के पास के गांव की एक व्यक्ति को सर्दी खांसी होने पर पहले टेस्ट कराने के लिए उसके घरवाले लेकर शहरी स्वास्थ्य केंद्र जांजगीर पहुंचे। यहां 21 अक्टूबर को टेस्ट कराने पर उन्हें निगेटिव बताया गया। निगेटिव होने पर वे घर तो चले गए, लेकिन कोरोना का लक्षण होने के कारण वे दूसरे दिन 22 अक्टूबर को फिर से टेस्ट कराने के लिए जिला अस्पताल के पास संचालित फीवर क्लीनिक पहुंचे। यहां सैंंपल देकर जांच कराई तो पॉजिटिव बताया गया। इससे अब इलाज को लेकर वे संशय में है।
एक ही दिन पॉजिटिव, निगेटिव दोनों
23 अक्टूबर को पास के गांव की एक महिला पहले कोरोना पॉजिटिव थी। तब वे होम आइसोलेशन में दस दिनों तक थी। होम आइसोलेशन पूरा होने के बाद शुक्रवार को टेस्ट कराने के लिए पहुंची। पुराना जिला अस्पताल शहरी स्वास्थ्य केंद्र में पॉजिटिव रिपोर्ट दी। उसके बाद जब सिम्टम्स नहीं होने से उनको पहले रिपोर्ट पर भरोसा नहीं होने से दोबारा फीवर क्लीनिक में टेस्ट कराया। उन्हें पुराना जिला अस्पताल से जिला अस्पताल तक पहुंचने के दौरान बमुश्किल आधा घंटा लगा होगा। इस अवधि में ही उनकी रिपोर्ट बदल गई। उन्हें जिला अस्पताल के फीवर क्लीनिक में निगेटिव बताया। अब वे असमंजस में हैं कि आखिर किसे मानें। फिलहाल होम आइसोलेशन में है।
यदि एंटीजन में निगेटिव हैंं और मन में संशय है तो आरटीपीसीआर जांच कराएं
डॉक्टर्स के अनुसार यदि किसी को कोरेाना के लक्षण हैं और एंटीजन टेस्ट में यदि निगेटिव रिपोर्ट आ रही है तो निश्चित रूप से उसकी पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट कराना ही चाहिए।
आरटीपीसीआर टेस्ट भी करा सकते हैं
“इस प्रकार एक ही व्यक्ति के द्वारा एक ही दिन दो अलग अलग स्थानाें में टेस्ट कराने पर दो अलग अलग रिपोर्ट आने की अभी तक किसी ने सूचना नहीं दी है। जानकारी नहीं है तो इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन यदि किसी को सिम्टम्स है और एंटीजन में रिपोर्ट सही नहीं लग रही है तो आरटीपीसीआर टेस्ट कराना चाहिए।”
-डाॅ. एसआर बंजारे, सीएमएचओ, जांजगीर-चांपा

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