छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में किसी को नहीं मिला गुरु घासीदास सम्मान, भाजपा ने उठाए नीयत पर सवाल, कांग्रेस बोली, अभी चयन प्रक्रिया चल रही है

रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में हर साल दिया जाने वाला गुरु घासीदास सम्मान इस बार नहीं दिया गया। इसको लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मारकंडेय ने सम्मान को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, क्या सरकार यह पुरस्कार खत्म करना चाहती है।
पूर्व विधायक नवीन मारकंडेय ने कहा, सामाजिक चेतना और दलित उत्थान के क्षेत्र में योगदान के लिए हर साल यह सम्मान प्रदान किया जाता रहा है। इस वर्ष इस अलंकरण को बंद कर दिया गया है।
सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए इस वर्ष अलंकरण की घोषणा क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा, सरकार के इस कदम से अनुसूचित जाति समाज अपमानित महसूस कर रहा है।
जवाब में कांग्रेस भी उतर गई है। कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष धनेश पाटिला ने कहा, गुरु घासीदास अलंकर को सरकार ने बंद नहीं किया है, और न ही ऐसी कोई मंशा है।
इन पुरस्कारों के लिए चयन प्रक्रिया जारी है। इसकी घोषणा बाद में की जाएगी। पाटिला ने कहा, राज्य सरकार को किसी समाज को अपमानित करने की कोई मंशा नहीं है और न ही कांग्रेस ऐसा होने देगी।
तीन अलंकरणों की नहीं हुई घोषणा
राज्योत्सव में दिए जाने वाले तीन अलंकरणों की घोषणा नहीं हो पाई है। इसमें गुरु घासीदास सम्मान के अलावा दानवीर भामाशाह सम्मान और मधुकर खेर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार शामिल है। अधिकारियों का कहना है, इनकी चयन प्रक्रिया चल रही है। जल्दी ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी।

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