जंगल से लकड़ी लेकर लौट रहे दो ग्रामीणाें को भालू ने मार डाला, एक घंटे शव के पास घूमता रहा

अंबिकापुर/ राजपुर. बलरामपुर जिले के बरियों इलाके में ककना गांव के जंगल में खूंखार भालू ने शुक्रवार को जंगल से बाहर सड़क किनारे दो ग्रामीणों को मार डाला। इसके बाद जब फारेस्ट और पुलिस की टीम पहुंची तब भी भालू शव को नोच रहा था। इस पर वनकर्मियों व पुलिस वालों ने भालू को खदेड़ने की कोशिश की तो भालू पुलिस वाहन के बोनट में चढ़ गया। यह देख वाहन में सवार पुलिस व फारेस्ट कर्मी भी दहशत में अा गए। बरियों चौकी अंतर्गत ग्राम ककना निवासी 35 वर्षीय मोहरलाल व पहाड़पारा निवासी कमला राम 50 वर्ष शुक्रवार की सुबह गांव से लगे आरा-ककना मार्ग पर स्थित जंगल में लकड़ी लेने गए थे। दोनों दोपहर करीब 2.30 बजे घर लौट रहे थे। इसी दौरान एक भालू ने कमला राम पर हमला कर मार डाला। मोहरलाल ने कमलाराम को बचाने की कोशिश की तो भालू ने उस पर भी हमला कर दिया। वह जान बचाने भागने लगा और गड्ढे में गिर गया। इस दौरान भालू ने उसे भी अपने मार डाला। इसकी जानकारी सड़क से गुजर रहे बोलेरो चालक ने गांव में दी। सूचना मिलते ही ग्रामीण तथा वन अमला मौके पर पहुंचा। एसडीएम आरएस लाल, तहसीलदार सुरेश राय व बरियों चौकी प्रभारी रजनीश सिंह मौके पर पहुंचे।
आठ माह पहले भी दो लोगों को भालू ने मार डाला था
आठ माह पहले सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले के ओड़गी के ग्राम धरसेड़ी निवासी 65 वर्षीय लालजी सिंह व 15 वर्षीय रामप्रसाद गांव के समीप स्थित कोसमझरिया जंगल में मवेशी चराने गए थे। इसी दौरान झाडिय़ों में छिपे भालू ने अचानक रामप्रसाद पर हमला कर दिया था।मौके पर मौजूद लालजी सिंह किशोर को भालू के चंगुल से छुड़ाने का प्रयास कर ही रहा था कि भालू ने लालजी पर भी हमला कर दिया। भालू ने दोनों को मार डाला था।
परिजनों को तत्कालीन सहायता दी गई
मृतक कमला प्रसाद गोड़ व मोहर लाल घसिया के परिजनों को वन विभाग ने तत्कालीन सहायता राशि 25-25 हजार रुपए प्रदान किया। मृतक के परिजनों को बाद में 5.75 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। बता दें कि सरगुजा संभाग में हर साल भालुओं के हमले से दर्जनों लोग घायल होते हैं।

  1. शव को नोचता रहा भालू, इसे देखकर सिहर गए वनकर्मी
    ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने के बाद भालू घंटे भर दोनों के शव के पास ही मंडराता रहा। वन विभाग की टीम व ग्रामीणों ने हल्ला कर उसे जंगल में भगाने की कोशिश की लेकिन वह शव को नोचने लगा। यह देख वन व पुलिस कर्मी बन्द वाहन से उसे भगाने पहुंचे तो वह और भी आक्रामक हो गया। इसके बाद पुलिस के वाहन के बोनट पर ही कई बार चढ़ा लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे किसी तरह खदेड़ा।
  2. एक किलोमीटर लंबी सड़क को वनकर्मियों ने किया सील
    पुलिस ने दोनों का शव को बरियों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पीएम के लिए भिजवाया। वन विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से आरा-ककना मार्ग को बैरिकेडिंग कर करीब एक किलोमीटर सड़क को सील कर दिया है। इसके साथ ही वन अमला की तैनाती की गई है। वहीं ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने और रात में घर से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दी है। बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया है।
    सरगुजा में हाथियों के बाद बढ़ा भालुओं का आतंक
    सरगुजा संभाग में हाथियों के आतंक के साथ अब भालुओं का आतंक भी बढ़ गया है। भालुओं के हमले से 2019 में 80 लोग जख्मी हो गए। वहीं 12 लोगों को जान गंवानी पड़ी। बड़ी बात यह है कि इनके अलावा तेंदुओं व लकड़बग्घों के हमले से 122 मवेशियों की मौत हो गई है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण वनोपज या दूसरे काम के लिए जंगल जाएं तो सतर्क रहें। वहीं जंगल में इन जानवरों को देखकर छेड़ें नहीं।
    सुबह के समय अधिक होते हैं हमले: सीएफ
    वाइल्ड लाइफ सरगुजा के सीएफ एसएस कंवर का कहना है कि भालुओं की संख्या बढ़ रही है। ग्रामीण सुबह 4 से 5 बजे से ही जंगल पहुंच जाते हैं। इस दौरान जंगली जानवर सबसे अधिक घूमते हैं। इसके कारण ग्रामीणों व जानवरों का आमना-सामना हो जाता है। इसकी वजह से ज्यादा घटनाएं हो रही हैं।

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