डीजे, नाच-गाना नहीं, सादगी के साथ मां को विदाई, प्रतिमाओं का केलो में हुआ विसर्जन

रायगढ़. सोमवार को दशमी के दिन पंडालों में हवन पूजन के साथ ही पटाखे और कुछ लोगों की उपस्थिति में सादगी से मां की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। दोपहर से देर शाम तक विसर्जन चलता रहा। कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण डीजे, नाच-गाना और भीड़ पर रोक थी। सुबह बूढ़ी माई मंदिर और नया गंज स्थित समलाई मंदिर के कलश का विसर्जन किया गया। चक्रपथ में विर्सजन स्थल पर गंदगी और पानी नहीं होने की वजह से लोगों को विर्सजन करने के लिए काफी भटकना पड़ा। अफसरों की भी ड्यूटी शहर के अलग-अलग जोन में बांट करके उन्हें वहां रहने के लिए कहा गया था, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक टीम भी विर्सजन के दौरान मौजूद नहीं थे। दुर्गा उत्सव समितियों के लोग सर्किट हाऊस के पास रपटा पुल के पास, पुराने मरीन ड्राइव में और खर्राघाट के पुल के पास प्रतिमाओं को विर्सजन करना पड़ा। हर वर्ष विर्सजन के पहले नदी में केलो बांध से पानी छोड़ा जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

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