देश में कोरबा पूर्व प्लांट में ही 120 मेगावाट की इकाइयों से हो रहा उत्पादन, ये भी अंतिम दौर पर

कोरबा. देश में छत्तीसगढ़ राज्य बिजली उत्पादन कंपनी एकमात्र ऐसी कंपनी है, जो सबसे पुरानी तकनीक पर आधारित 120-120 मेगावाट की इकाइयों से बिजली उत्पादन कर रही है। इन दोनों प्लांट से लगातार बिजली उत्पादन हो रहा है। वर्तमान में अब कोई भी बिजली कंपनी इतनी क्षमता वाली इकाइयों से बिजली उत्पादन नहीं कर रही है। बिजली कंपनी के एक अधिकारी के अनुसार कोरबा पूर्व में एक नंबर यूनिट करीब 45 साल और दूसरे को 39 साल हो चुके हैं, लेकिन अब ये दोनों इकाई भी अपने अंतिम दौर में है। इनका कार्यकाल पूरा होने को है। अन्य कंपनियों ने काफी पहले ही इतने क्षमता वाली इकाइयों से उत्पादन बंद कर दिया था, लेकिन कोरबा पूर्व की इन दोनों इकाइयों से अब चालू वर्ष के 31 दिसंबर तक बिजली उत्पादन बंद करने की योजना है। कंपनी में 50-50 मेगावाट के 4 बिजली प्लांट करीब ढ़ाई साल पहले ही प्रदूषण के चलते बंद हो चुके हैं। अब प्रबंधन ने बंद हो चुकी इकाइयों के स्क्रेप को बेचने की भी तैयारी कर ली है। प्रबंधन ने 50 साल पुराने प्लांट के स्क्रेप (कबाड) की नीलामी के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। प्लांट का स्क्रेप बेचने 300 करोड़ तक मिलने की उम्मीद प्रबंधन ने जताई है। पहले अधिकारियों ने एचटीपीपी के साथ कोरबा पूर्व में भी सोलर प्लांट लगाने की योजना बनाई थी। हालांकि यह योजना अब तक आगे नहीं बढ़ सकी है। वहीं कंपनी में बिजली क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि पुराने प्लांट के बंद होने के बाद सोलर प्लांट के अलावा इसका अन्य कमर्शियल यूज भी हो सकता है।
प्रदेश और जिले के विकास में दिया योगदान
अविभाजित मध्यप्रदेश में 50-50 मेगावाट की 4 इकाइयों से 1966 -68 के बीच बिजली उत्पादन शुरू हुआ था। इस प्लांट ने प्रदेश और जिले के विकास में योगदान दिया। बाद में यहां 120-120 मेगावाट के दो और प्लांट लगे थे, जो अब भी चल रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष में इस प्लांट ने अपना पहला छमाही उत्पादन लक्ष्य भी पूरा किया।
प्लांट के स्वीकृत पद को प्रबंधन ने किया खत्म
बिजली उत्पादन कंपनी ने कोरबा पूर्व प्लांट के 636 पदों को पहले ही समाप्त कर दिया है। संयंत्र के तकनीकी और कार्यालयीन कर्मचारियों के लिए स्वीकृत 16 विभाग के पद को कंपनी ने समाप्त करने संबंधी आदेश पहले ही जारी कर दिया है। इसमें प्लांट सुपरवाइजर से लेकर दफ्तरों में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के पद शामिल हैं।