धान खरीदी से पहले ही विवाद, जिन पर शॉर्टेज का आरोप उन्हें भी बनाया खरीदी केंद्र प्रभारी

जांजगीर. धान खरीदी शुरू होने से पहले ही एक बार फिर से जिले के कुछ खरीदी केंद्रों के प्रभारी को बदल दिया है। वहीं पूर्व में जिनके कार्यकाल में शार्टेज आया है, ऐसे भी लोगों को फिर से जिम्मेदारी दी गई है। जबकि सरकार ने ऐसे लोगों को प्रभारी नहीं बनाने का आदेश दिया है। यह भी कहा जा रहा है कि जिनके नाम शाखा प्रबंधकों ने नहीं दिए, उन्हें भी प्रभारी बना दिया गया है। धान खरीदी से पहले पिछले साल से जिले के खरीदी प्रभारियों व कम्प्यूटर ऑपरेटर्स का ट्रांसफर कर दिया जाता है, इस वर्ष भी गुरुवार को ऐसी सूची जारी हो गई। सूची जारी होने के बाद सहकारी संस्थाओं से जुड़े लोगों में कहीं उदासी है तो कहीं उत्साह है। प्रभारियों की सूची पूर्व में उपपंजीयक द्वारा सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी से मांगी थी, उन्होंने शाखा प्रबंधकों से जानकारी ली और डीआर को भेजी। लिस्ट जारी होने के बाद प्रबंधकों को आश्चर्य हुआ कि जिनके नाम नहीं भेजे उन्हें भी प्रभारी बनाया गया है।
किसके कार्यकाल में कितना शार्टेज
अकलतरा के ब्रांच मैनेजर ठाकुर कमल सिंह ने बताया कि पकरिया में भावना सिंह अभी खरीदी प्रभारी है, उनके स्थान पर लव सिंह को प्रभारी बनाया गया है। उन्होंने बताया लव सिंह के कार्यकाल में 2015 में 900 क्विंटल धान का शॉर्टेज था। चोरभट्‌ठी में रमाशंकर श्रीवास को प्रभारी बनाया है। उनके कार्यकाल में 2012 में 600 क्विंटल धान का शॉर्टेज था। इसकी शिकायत भी उपपंजीयक से की है। पामगढ़ ब्लॉक के ससहा से रामायण यादव को राहौद का प्रभारी बनाया है। इन तीनों का नाम शाखा प्रबंधकों ने न तो नोडल अधिकारी को दिया है और न ही उप पंजीयक को। इसके बाद भी उनकाे प्रभारी बना दिया है।
लिस्ट मिली थी उसी आधार पर बने प्रभारी: उप पंजीयक
“खरीदी प्रभारियों के लिए सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी से लिस्ट मांगी थी, जो लिस्ट मिली, उसके आधार पर प्रभारियों की नियुक्ति की है। दागी होने जानकारी मुझे नहीं है। नोडल अधिकारी ने वे नाम क्यों भेजे यह सवाल शाखा प्रबंधकों को करना चाहिए। ”
-चंद्रशेखर जायसवाल, उप पंजीयक
मुझे शिकायत नहीं मिली: नोडल अधिकारी पांडेय
“शाखा प्रबंधकों से ही प्रभारियों की जानकारी मंगाई थी। उन्होंने जो नाम दिए वहीं नाम उप पंजीयक को दिए थे। उन नामों के अलावा किसी दूसरे को प्रभारी बनाने की अधिकारिक सूचना मुझे नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर परीक्षण कराएंगे।”
-अश्वनी पांडेय, नोडल अधिकारी सहकारी बैंक जांजगीर
साभार: दैनिक भास्कर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button