नदी-नालों को बचाने, जलस्तर बढ़ाने के लिए नरवा विकास को नेशनल वाॅटर अवार्ड

रायपुर. नदी-नालों के पुनरुद्धार और भूजल स्तर बढ़ाने के लिए भूपेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा विकास को बड़ी उपलब्धि मिली है। केंद्र सरकार द्वारा बिलासपुर और सूरजपुर को नेशनल वाटर अवार्ड के लिए चुना गया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा रिवाइवल ऑफ रीवर यानी नदियों के पुनरुद्धार के अंतर्गत बिलासपुर और वाटर कंजर्वेशन कैटेगरी के अंतर्गत सूरजपुर को राष्ट्रीय स्तर पर पहला पुरस्कार दिया जाएगा। नवंबर महीने में पुरस्कार दिए जाएंगे। सीएम भूपेश बघेल ने नई सरकार के गठन के बाद नरवा गरुवा घुरवा बारी योजना शुरू की थी। नरवा विकास के अंतर्गत नदी-नालों का पुनरुद्धार करना है।
इस योजना के शुरू होने के बाद प्रदेश में बड़ी संख्या में नदी-नालों के संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। इनमें पेयजल की उपलब्धता, सिंचाई साधनों का विकास, भू-जल के रिचार्ज के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम हो रहा है। इस कड़ी में बिलासपुर और सूरजपुर में बड़ा लक्ष्य लेकर तेजी से काम शुरू किया। इस वजह से इन दोनों जिलों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए चुना गया है।
बिलासपुर: 1146 किमी नदी-नालों का पुनरुद्धार
बिलासपुर की 13 मुख्य नदियों व नालों और स्थानीय नालों की कुल लंबाई 2352.56 किलोमीटर है। जल संसाधन विभाग ने एक वृहद, एक मध्यम और 165 लघु जलाशय व 117 एनीकट का निर्माण किया है। कुल 1146.90 किलोमीटर नदी-नालों का पुनरुद्धार किया गया है। नदी-नालों में 284 स्ट्रक्चर बनाए गए हैं। इनमें खारंग नदी में 13, शिवनाथ में 5, लीलागर में 13, अरपा में 17, सोन नदी में 12, मनियारी में 8, घोंघा नाला में 12, गोकने नाला में 5, तुंगन नाला में 3, नर्मदा नाला में 3, चांपी नाला में 3, एलान नाला में 4, जेवस नाला में 5 और लोकल नालों में 181 लघु जलाशय और एनीकट बनाए गए हैं।
सूरजपुर: डबरी महाभियान चलाकर बढ़ाया जलस्तर
सूरजपुर में जल संरक्षण और भूमिगत जल का स्तर उठाने के लिए डबरी महाभियान चलाया गया। इससे करीब 12 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता का विकास हुआ। भूमिगत जल में वृद्धि हुई है। दो सालों में लगभग 7 हजार डबरी और 4200 कुएं बनाए गए हैं। इसमें लगभग 18 हजार एकड़ भूमि सिंचित हुई और किसान सालभर में दो बार फसल लेने लगे हैं।

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