बस ऑपरेटर बोले: खर्च बढ़ गया, यात्री भी कम बैठाने हैं इसलिए थोड़ा किराया बढ़ाया

रायगढ़. यूपी, झारखंड और बिहार जाना हो तो अभी बस ही एक विकल्प हैं। ट्रेनें चल नहीं रहीं, टैक्सी पर खर्च ज्यादा होगा इसलिए जिले में रहने वाले दूसरे राज्यों के प्रवासी दो गुना तक किराया देकर बसों में यात्रा करने को मजबूर हैं। कोरोना संक्रमण के कारण दूसरे राज्यों के बॉर्डरों पर परमिशन और जांच के नाम पर वसूली से बस ऑपरेटरों का खर्च बढ़ गया है। सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरे एहतियात के कारण बसों में क्षमता से कम यात्री बैठाने हैं। बस ऑपरेटर अपनी मजबूरी गिनाकर अधिक किराया लेने का बचाव कर रहे हैं। अफसर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। बस मालिक कहते हैं, खर्च नहीं पूरा होगा तो बसें बंद करनी पड़ जाएंगी। औद्योगिक जिले में रहने वाले यूपी, झारखंड, बिहार के लोग महीनों से घर नहीं जा सके हैं, अब त्योहारों का बहाना है। बिहार में चुनाव हैं इसलिए कुछ लोग गांव जाना चाहते हैं। जिले से बाहर काम करने वालों को भी काम पर लौटने का बुलावा आ गया है। अनलॉक होने के बाद बसों को चलाना शुरू कर दिया है। लंबी दूरी की बसों में यात्री भी आने लगे है, लेकिन ऑपरेटरों ने सरकार के बिना कोई नोटिफिकेशन के ही भाड़ा दोगुना कर दिया गया है। जिले के भीतर और दूसरे जिलों के अलग-अलग रूट पर चलने वाली बसों में यात्री कम होने के नाम पर किराया ज्यादा लिया जा रहा है। लंबी दूरी में सफर करने के लिए दो- तीन घंटे पहले बस स्टैण्ड में आकर बुकिंग करानी पड़ती है, नहीं तो अंतिम समय में सीट नहीं मिलने की भी परेशानी होती है।
टिकट में स्पष्ट नहीं लिखा होता है
विजय कुमार ने बताया कि वे औरंगाबाद बिहार जाने के लिए आए हैं। उनसे 1 हजार रुपए लिया गया है। जो टिकट दिया गया उसमें भी कही भी रायगढ़ से औरंगाबाद नहीं लिखा हुआ था। एक हजार रुपए का बिल लिख कर दे दिया गया। लंबी दूरी की बस में सफर करने के लिए तीन-चार घंटे पहले बस स्टैंड पर बुकिंग कराना पड़ता है। विजय बताते हैं, गाड़ी चलाता हूं। महीनों से गांव नहीं गया हूं। मजबूरी है, ट्रेन है नहीं इसलिए जो भी हो घर तो जाना ही है।
बिलासपुर से झारसुगुड़ा जाने तीन बार बस बदली
सारंगढ़ बस स्टैंड में छह साथियों में अनवर हक ने बताया कि उन्हें बिलासपुर से झारसुगुड़ा जाने के लिए ट्रेन नही मिली। अधिकांश गाड़ियां इस रूट से जाती हैं इस लिए बस से आ गए। बिलासपुर से सारंगढ़ तक एक यात्री से 250 रुपए किराया लिया गया। सारंगढ़ से रायगढ़ आने के 100 रुपए लगे। झारसुगुड़ा जाने के लिए एक सवारी से 100 रुपए लिए गए हैं। ट्रेन से बिलासपुर से झारसुगुड़ा का ट्रेन टिकट स्लीपर क्लास में 190 रुपए का आता था। ढाई गुना से अधिक किराया मजबूरी में देना पड़ा।
ट्रेन से 500 रुपए में होती थी यात्रा, बस में 1500 दिए
रायगढ़ से बनारस जा रहे हीरा साय ने बताया कि वह गोरखपुर में काम करता है। अभी ट्रेनें नहीं चल रही हैं, मजबूरी में बस से सफर करना पड़ रहा है। पहले वह बनारस, फिर वहां से गोरखपुर जाएगा। उसने 1500 रुपए की टिकट कटाई है। आमतौर पर रायगढ़ से बनारस तक बस का किराया 800 से 1000 रुपए तक होता है। हीरा ने कहा, बिलासपुर होकर ट्रेन से सीधे गोरखपुर जाने पर 500 रुपए खर्च होते थे। काम पर जाना मजबूरी है बस के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
अभी 25 बसें चल रही हैं
2 बसें बिहार
0 झारखंड
2 बसें ओडिशा के लिए
20 बसें जिले के भीतर और दूसरे जिलों तक चलती हैं।
आज से हम कार्रवाई शुरू करेंगे
“बस ऑपरेटर यदि मनमाने तरीके से भाड़ा वसूल रहे हैं तो यह गलत है। इसके लिए शनिवार को बस वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
-सुमित अग्रवाल, आरटीओ
सवारी कम, खर्च निकले उतना ही एक्सट्रा ले रहे
“झारखंड जाने वाली बसों में काफी दिक्कतें आ रही है। बसें जाने नहीं दी जा रही हैं। कई बार बॉर्डर में खर्च करना पड़ता है, नहीं तो वहां गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है। यहां से यात्रियों को दूसरी बसों में शिफ्ट करना पड़ता है। डिस्टेंस और कोरोना नियमों के पालन की वजह से सवारी कम बैठाना है, दूसरे खर्च भी बढ़ गए। ”
-राम प्रसिद्ध सिंह, सचिव, बस ऑपरेटर संघ

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