भारतीय मजदूर संघ ने श्रमिक विरोधी नियमों को वापस लेने किया प्रदर्शन
रायगढ़. भारतीय मजदूर संघ ने लेबर गोल्ड बिल में श्रमिक विरोधी नियमों के खिलाफ बुधवार को विरोध दिवस के रूप में मनाया। सुबह से कलेक्टोरेट परिसर के सामने संघ के पदाधिकारी व सदस्यों ने केंद्र के नए श्रम कानून के विरोध में जमकर नारेबाजी की। दोपहर 1.30 बजे सभी नारेबाजी करते हुए कलेक्टोरेट के भीतर पहुंचे और डिप्टी कलेक्टर सरस्वती बंजारे को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में संघ ने श्रमिक कानून को निरस्त कर संशोधित करने की मांग की है। संघ के महामंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन बहुत जरूरी है। नए लेबर गोल्ड बिल से श्रमिकों ,कर्मचारियों को आर्थिक व सामाजिक नुकसान होना तय है। भारतीय मजदूर संघ द्वारा प्रस्तावित कानून को लेकर भारतीय मजदूर संघ ने अपनी आपत्ति भी केंद्र के समक्ष प्रस्तुत की थी, लेकिन इसे दरकिनार कर दिया गया। नए कानून में औद्योगिक रोजगार स्थाई आदेश अधिनियम 1946 बदलाव, संघ ने आईटी एक्ट 1947 के तहत छंटनी प्रतिकार भत्ता का भुगतान 1 साल में 15 दिन बढ़ाकर 45 दिन करने की मांग की है। आईआर कोड 2020 के तहत 50 प्रतिशत कर्मचारियों के अवकाश को हड़ताल के प्रावधान को वापस लेने की मांग की है। 5 अन्य श्रम विरोधी मुद्दों में बदलाव को लेकर भारतीय मजदूर संघ ने अपनी आपत्ति ज्ञापन के माध्यम फिर प्रधानमंत्री से जताई है। इस दौरान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एलपी कटकवार, समेत जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री भी मौजूद रहे।