लॉकडाउन के साथ खाद्यान्ना की बढ़ी कीमतें आम लोगों पर पड़ रहीं भारी

रायगढ़। समय के साथ लॉकडाउन तो समाप्त हो गया, परंतु सप्लाई का अभाव बताकर बढ;ाई गई कीमतें अब तक काबू में नहीं आ पाई हैं। ऐसे में प्रत्येक आम उपभोक्ता खाद्यान्न की महंगाई के भार से प्रभावित हो रहा है। वहीं इन वेवजह बढ;ी कीमतों पर नियंत्रण करने वाले अधिकारियों की उदासीनता कालाबाजारी को प्रश्रय देती नजर आ रही है। बाजार तो अनलॉक हो चुका है, परंतु खाद्यान्न की दुकानों के अलावा बाकी बाजार लगभग ठंडा पड;ा हुआ है। वहीं हर परिवार की अहम जरूरतों पर ही बढ;े दाम, आम परिवारों की टूटी कमर पर और अधिक बोझ बन गए हैं। खाद्य तेल जो 105 रुपए बिकता था, वह अब 120 हो चुका है, तो 90 रुपए किलो बिकने वाली अरहर दाल भी 130 रुपए तक बिक रही है। श-र चावल गेहूं आलू प्याज पर भी 5 से 10 रूपए प्रति किलो तक अतिरिक्त महंगाई देखी जा रही है। वहीं नमक जैसी चीज को कुछ दुकानदार 25 रुपए में दो पैकेट बेचने से गुरेज नहीं कर रहे।
यह बात समझ से परे है कि जरूरी चीजों पर भी शासन द्वारा कीमतों का निर्धारण क्यूं नहीं किया गया। इस प्रमुख समस्या को लेकर जब जिला खाद्य अधिकारी जीपी राठिया से बात की गई तो ऐसा प्रतीत हुआ कि अधिकारियों की उदासीनता ही बाजार में कालाबाजारी का प्रमुख कारण बनी हुई है। वहीं सहायक खाद्य जिलाधिकारी कौशल साहू तथा खरसिया एसडीएम गिरीश रामटेके ने बात की गंभीरता को समझ कर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। ऐसे में देखना होगा कि महीनों पुराना यह ढर्रा किसी हद तक बदल पाएगा या फिर आम आदमी के हिस्से यही महंगाई का भार बना रहेगा।

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