सोशल मीडिया में ग्रुप बनाकर नाबालिग देख रहे पोर्न, दुष्कर्म की 80 फीसदी घटनाओं की वजह यही

अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ का बलरामपुर जिला इन दिनों दुष्कर्म की घटनाओं की वजह सुर्खियों पर है। इस बीच बलरामपुर चाइल्ड लाइन फाउंडेशन के सामने पिछले नौ महीने में ऐसे कई केस आए जिसमें मोबाइल फोन से अश्लील सामग्री देखकर टीनएज के लड़के ही नहीं लड़कियां भी गलत रास्ते में जा रही हैं। दुष्कर्म के 80 फीसदी मामलों में नाबालिग पोर्न देखकर घटना को अंजाम दे रहे हैं। कमेटी के काउंसलरों ने ऐसे कई बच्चों की काउंसिल की है जिसमें पता चला है कि वे पोर्न साइट पर वीडियो देखकर छेड़छाड़ व दुष्कर्म की घटनाओं के लिए प्रेरित हो रहे हैं। वहीं एक ऐसा भी मामला सामने आया जिसमें स्कूली लड़कियां सोशल मीडिया में ग्रुप बनाकर पोर्न वीडियो देखती थीं। उनकी काउंसलिंग कर उनका ग्रुप बंद कराया गया। हालांकि इस मामले को पंजीकृत नहीं किया गया। इसका खुलासा एक स्कूल में आयोजित ओपन हाउस प्रोग्राम में हुआ था। चाइल्ड लाइन फाउंडेशन का सभी ब्लाॅकों में पदाधिकारी हैं, जो नाबालिग बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं और उन्हें रोकने के लिए काम करती हैं। उनके काउंसलरों से दैनिक भास्कर ने बात की तो खुलासा हुआ है कि लॉकडाउन के बाद परिजनों ने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल फोन दिया है। लेकिन कई बच्चे उसका दुरुपयोग कर रहे हैं। वे इंटरनेट की वजह से अपोजिट सेक्स को जानने के लिए अश्लील वेबसाइट देख रहे हैं और इसके एडिक्ट होने के साथ ही दुष्कर्म जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इसके अलावा ऐसे भी कई केस आए हैं, जिसमें वे एक दूसरे को अश्लील सामग्री भेजते हैं। इसकी शिकायत पर बच्चों की काउंसिलिंग की गई है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी परिजनों को नहीं है। बच्चों की काउंसलिंग करने वाले काउंसलरों का कहना है कि माता पिता सीधे तौर पर इसकी शिकायत करने से हमसे भी हिचकिचाते हैं और कहा जाता है कि बच्चा मोबाइल फोन पर पासवर्ड डालकर रखता है और मोबाइल पर व्यस्त रहता है, लेकिन जब ऐसे केस पर बच्चे की काउंसलिंग करते हैं तो पोर्न साइट देखने की हिस्ट्री मिलती है। काउंसलर राहुल मिश्रा ने बताया कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म की कई ऐसी घटनाएं होती हैं जिसके लिए पोर्न वीडियो जिम्मेदार हैं।
मोबाइल में एप्स और फोल्डर लॉक कर स्कूली बच्चे देखते थे पोर्न
बलरामपुर जिले में लॉकडाउन से पहले एक स्कूल में आयोजित ओपन हाउस प्रोग्राम में चाइल्ड लाइन की टीम के सामने अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चे मोबाइल में फोल्डर बनाकर उसे लॉक रखते हैं। कई एप्स भी लॉक रहते हैं। इस पर उन बच्चों की काउंसलिंग की गई तो हाई स्कूल के इन छात्रों ने बताया कि वे पोर्न वीडियो रखते हैं, इसलिए लॉक रखते हैं। इस पर काउंसलिंग की गई।
आरोपी ने कबूल किया, अश्लील वीडियो देखकर उसने किया दुष्कर्म
बलरामपुर में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले वाले नाबालिग आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसने अश्लील वीडियो देखकर बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। ऐसे मामलों की जांच करने वाले अधिकारी कहते हैं कि कई मामलों में पोर्न वीडियो देखकर दुष्कर्म के लिए प्रेरित होने का पता चलता है लेकिन वे इसे रिकॉर्ड में दर्ज नहीं करते हैं।
अश्लील मैसेज भेजकर ऑनलाइन हो रही छेड़छाड़
यह भी खुलासा हुआ है कि नाबालिगों के हाथ में मोबाइल होने के कारण वे ऑनलाइन अश्लील मैसेज, फोटो और वीडियो शेयर कर छेड़छाड़ कर रहे हैं। लड़कियां इसका विरोध नहीं कर पाती हैं और कई बार गलत सही का समझ नहीं होने के कारण धीरे धीरे दुष्कर्म जैसी घटनाओं का शिकार हो रही हैं।
दुष्कर्म की घटनाओं में मोबाइल फोन भी है एक बड़ा कारण
“दुष्कर्म और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं के लिए मोबाइल फोन भी एक बड़ा कारण है। जागरूकता की बेहद जरूरत है। पिछले कुछ दिनों में हमारे जिले में नाबालिगों के साथ हुई दुष्कर्म की घटनाएं गंभीर है। बहुत दिनों से पुलिस के साथ बैठक नहीं हुई है। इसमें अभिभावकों को जागरूक रहने की जरूरत है।”
-अनिल गुप्ता, सीडब्ल्यूसी, अध्यक्ष, बलरामपुर

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