स्टेशन से बाजार तक ओवरब्रिज नहीं, अब एफओबी को चुपचाप स्टेशन परिसर में उतारने की तैयारी
रायपुर. स्टेशन का दबाव कम करने के लिए फुट ओवरब्रिज को भीतर से सीधे बाहर संजय गांधी बाजार में उतारने का प्लान फेल हो गया है। इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई, लेकिन इस फुट ओवरब्रिज को अब स्टेशन परिसर में ही उतारने की तैयारी कर ली गई और निर्माण उसी आधार पर किया जा रहा है। इस फुट ओवरब्रिज को बाजार तक उतारने का प्लान राज्य की एजेंसियों ने रेलवे से मिलकर लगभग डेढ़ साल पहले लांच किया था। इसके बाद सर्वे वगैरह भी चलता रहा और स्टेशन के भीतर रेलवे ने काम शुरू कर दिया। पर यह प्लान कब फेल हुआ, क्या कारण थे और एफओबी को स्टेशन परिसर में ही उतारने का फैसला क्यों किया गया, इस पर प्लानिंग-सर्वे करनेवाली दोनों एजेंसियां यानी रेलवे और पीडब्ल्यूडी के अफसर खामोश हैं।
यह रेलवे के साथ-साथ राज्य सरकार की एजेंसियों की संयुक्त महत्वाकांक्षी योजना थी। राज्य के किसी शहर में ऐसा फुटओवरब्रिज नहीं है, जो स्टेशन के सभी प्लेटफार्मों से होता हुआ बाहर बाजार में उतरता हो। इसके पीछे मंशा यह थी कि स्टेशन से निकलनेवाली भीड़ इस एफओबी से होती हुई इतनी दूर उतरे कि परिसर का दबाव कम हो जाए। कई एजेंसियों के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी ने भी इसका सर्वे कर लिया था। लेकिन पिछले छह माह से इस मुद्दे पर खामोशी है। संकेत मिले हैं कि राज्य से रेलवे को ऐसे संकेत नहीं मिले कि इस एफओबी को बाहर उतारना है, जबकि यह प्रोजेक्ट राज्य की ओर से ही लाया गया था। तब रेलवे अफसरों ने इसे भीतर ही उतारने का फैसला कर लिया।
शिफ्ट नहीं हुआ मार्केट
इस एफओबी को संजय गांधी चौक पर उतारने से पहले यहां लगनेवाले बाजार को शिफ्ट करना था। सर्वे में भी कहा गया था कि इसके शिफ्ट हुए बिना योजना से लाभ नहीं होगा। मार्केट को इसे गंज मंडी में ले जाने की तैयारी भी हुई, लेकिन विरोध हो गया। इसके बाद मामला टलने लगा और अब शिफ्टिंग पर चुप्पी है।
सड़क भी चौड़ी नहीं की
इस एफओबी के जरिए स्टेशन के भीतर से बाहर काफी भीड़ आनी थी। स्टेशन रोड का ट्रैफिक दुरुस्त रहे, इसलिए लिए नहरपारा में लगभग 100 मीटर सड़क को फोरलेन बनाना जरूरी था। यह सड़क सीधे मौदहापारा से होती हुई देवेंद्रनगर चौक पर जाती है। चौड़ीकरण ठप है, इसलिए एफओबी का प्लान भी नहीं बढ़ा।
रेलवे की शर्त भी अजीब
एफओबी को बाजार में उतारने का मामला आगे बढ़ रहा था, तभी रेलवे ने अचानक शर्त रख दी कि उसे वहीं पर जनरल टिकट काउंटर बनाने के लिए जगह चाहिए। ताकि यात्री यहीं से टिकट लेकर सीधे प्लेटफार्म पर पहुंचें। सरकारी एजेंसियां जमीन नहीं होने के कारण रेलवे की इस मांग से फंसी और बात बिगड़ गई।
एफओबी अब फूड प्लाजा के पास उतरेगा
रेलवे ने पुराने प्लान को अघोषित रूप से रद्द करते हुए तय किया है कि यह एफओबी नए बन रहे प्लेटफार्म-7 समेत सभी प्लेटफार्मों को जोड़ता हुआ बाहर आकर फूड प्लाजा से लगे गार्डन के सामने उतरेगा। यहां थोड़ी जगह भी है, इसलिए रेलवे स्टेशन परिसर में पार्किंग और ट्रैफिक सिस्टम सुधारने के लिए कुछ और निर्माण भी करेगा। नए प्लान के मुताबिक इस एफओबी के सारे रैंप प्लेटफार्मों पर दुर्ग की ओर उतरेंगे। एस्केलेटर बिलासपुर की दिशा में लगाए जाएंगे। एफओबी और रैंप से स्टेशन के फुटओवरब्रिज और सीढ़ियों पर होने वाली भीड़ से निजात मिलेगी। फिलहाल रेलवे की योजना इस एफओबी पर भीतर तीन और बाहर एक एस्केलेटर लगाने की है।
राज्य से पहल नहीं : रेलवे
“राज्य की तरफ से कोई संकेत नहीं मिले, इसलिए एफओबी को स्टेशन परिसर में ही उतारने के प्लान पर काम कर रहे हैं। निर्माण तेजी से चल रहा है।”
-शिव प्रसाद, पब्लिसिटी इंस्पेक्टर-रायपुर