90 लाख तक खर्च होते थे दुर्गा पंडालों पर, कोरोना से 90% तक घटा खर्च
रायगढ़. शुक्रवार को नवरात्रि की सप्तमी के दिन शहर में 20 से अधिक पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगाए भक्तों ने मां की प्रतिमा के दर्शन किए। हंडी चौक, कोतवाली के सामने, स्टेशन चौक, गांधी गंज में लोग प्रतिमा के दर्शन करने के लिए पहुंचे। बंगाली समाज द्वारा कालीबाड़ी में परंपरागत रूप से पूजा अर्चना की गई। शनिवार को यहां अष्टमी और नवमी दोनों की पूजा एक साथ की जाएगी। इस बार शहर में भव्य और आकर्षक पंडालों की जगह छोटे पंडाल बनाए गए हैं। न झांकियां हैं और ना ही भक्तों का रेला। कोरोना संक्रमण के खतरे, प्रशासनिक गाइडलाइन और रोक टोक के कारण दुर्गोत्सव पर खर्च 20 प्रतिशत से भी कम होगा। दुगोत्सव पर हर साल शहर में 50 से अधिक जगह पंडाल लगते थे लेकिन कोरोना के कारण इस बार सादगी से सार्वजनिक दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया है। शहर के 10 प्रमुख पंडालों पर ही 80 से 90 लाख रुपए तक खर्च होते थे। मूर्ति के साथ पंडाल, लाइट, साउंड, प्रसाद, सांस्कृतिक आयोजन और भंडारे पर खर्च होते थे। गांधी गंज, दक्षिण चक्रधर नगर, कोतवाली के पीछे, हंडी चौक जैसे बड़े पंडाल और सजावट के साथ प्रतिमा पर एक पंडाल में 8 से 10 लाख रुपए खर्च होते थे लेकिन इस वर्ष एक से सवा लाख रुपए ही खर्च होंगे । पंडाल में प्रसाद वितरण, भंडारा और बड़े आयोजन नहीं हो रहे है।
15 लाख खर्च होते थे, इस बार 90 % कम
मित्र कला मंदिर गांधी गंज के अध्यक्ष गोपाल बापोड़िया ने बताया कि पूजा पर हर साल 15 लाख रुपए तक खर्च किए जाते थे। इस बार लगभग 2 लाख खर्च हुए है। प्रतिमा छह फीट की बनवाई गई है। हमने राम मंदिर के नजदीक राणी सती मंदिर में ही प्रतिमा स्थापित की है। पंडाल नहीं बनवाया गया है। पूजा की परंपरा निभाई जा रही है। समिति से जुड़े लोगों ने आपस में सभी खर्च की जिम्मेदारी ली है। भक्तों की पूरी जानकारी लेने के बाद डिस्टेंसिंग के साथ एंट्री दी जा रही है।
7 लाख के बदले इस बार सवा लाख में हो जाएगी पूजा
कोतवाली थाना स्थित संतोष कला मंदिर के सदस्य प्रिंस सलूजा ने बताया कि पिछले वर्ष तक सात लाख रुपए तक खर्चा होते थे। इस वर्ष सिर्फ सवा लाख रुपए खर्च होंगे। सबसे ज्यादा खर्च प्रसाद, भंडारा, सजावट, टेंट और मूर्ति पर होता था। इस वर्ष दो सुरक्षा कर्मचारी तैनात किए गए हैं। कोरोना संक्रमण के कारण मास्क ही वैक्सीन का संदेश भी दिया है।
सादगी से पूजा 30 हजार रुपए ही लगेंगे
रामनिवास टॉकीज चौक के युवक संघ के सुरेश गोयल ने बताया कि पिछले वर्षों तक 8 लाख रुपए दुर्गोत्सव के आयोजन में खर्च हो जाते थे । इस वर्ष सिर्फ 30 हजार रुपए खर्च हो रहे है, हनुमान मंदिर में प्रतिमा स्थापित करने के साथ पूजा अर्चना पर ही खर्च होगा। शुक्रवार को सप्तमी के दिन पंडालों में भीड़ दिखी। दक्षिण चक्रधर नगर चौक समिति के अध्यक्ष आशीष ताम्रकार ने बताया कि पिछले साल आठ लाख रुपए तक खर्च होते थे। इस वर्ष दो लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। पंडाल और मूर्ति पर इस बार एक लाख रुपए ही खर्च होंगे। लाइट और साउंड पर 20 हजार रुपए ही खर्च होंगे।