October 2, 2025

शराबखोरी पर एक तरफा कार्रवाई से धूमिल हो रही घरघोड़ा पुलिस छवि

*शराबखोरी पर एक तरफा कार्रवाई से धूमिल हो रही घरघोड़ा पुलिस छवि *

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में विपक्ष द्वारा शराब विक्रय को लेकर भारी हंगामा हुआ, पानी युक्त शराब व अधिक मुल्य पर बेचने का आरोप सरकार पर लगाया गया है, राज्य सरकार द्वारा अधिक राजस्व आय अर्जित करने के लिए आबकारी विभाग पर लगातार दबाव बनाया जाता रहा है, जिसके कारण भट्टी में नियमों को दरकिनार कर बिना पहचान पत्र के एक ही व्यक्ति को पांच लीटर से अधिक शराब दिया जाना मिलीभगत की ओर इशारा करती है, कमीशन मिलने पर भट्टी के कर्मचारी सैकड़ों लीटर शराब की बोतलें घर पहुंच जायेगी, फिर भी आबकारी विभाग व पुलिस विभाग आंखें मुंद कर शराब खरीद बिक्री का आनंद लेते नजर आते हैं, वहीं अव्यवस्था के कारण शराबियों द्वारा खुले स्थानों पर शराब पीने को मजबूर हैं जिन्हें पुलिस पकड़ कर थाने ले आते है, मगर एक बार भी आबकारी स्पेक्टर से सवाल पुलिस नहीं करती है, सरकार का दबाव साथ ही भ्रष्ट तंत्र के माध्यम से मोटी कमाई का जरिया मिलने से कौन नियम कानून की परवाह करती है, नियम तो सिर्फ आम जनता के उपर थोपा जाता रहा है, जहां कार्रवाई सिर्फ बेबस लाचार कमजोर व्यक्ति के ऊपर होती है, घरघोड़ा थाना अंतर्गत शराब से जूड़े मामले बहुत देखने को मिलता है।

#घरघोड़ा में संचालित शासकीय देशी विदेशी मंदिरा दुकान सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर मुख्य हाईवे के बीस मीटर पर संचालित हो रही है#

जहां आबकारी विभाग का मूल कर्तव्य शराब संदर्भ विषयों पर नियंत्रण रखने की होती परन्तु अपने कर्तव्यों से विमुख गहरी कुंभकर्णी नींद में रहती है वहीं दुसरी ओर घरघोड़ा पुलिस कानून व्यवस्था के दावित्यों को शराब पकड़ने में ज्यादा रूचि रखते हैं, राज्य सरकार के कथनी से अलग पुलिस विभाग अपने खुद के अलग नियमों का पालन करती दिखाई देती है, वनांचल आदिवासी क्षेत्र होने के कारण महुवे के फुल से निर्मित कच्ची शराब हर गांव में बनाया जाता है, अपने संस्कृति सभ्यता के अनुरूप आदिवासी पीले महुवा के फुल का उपयोग हर त्यौहार पूजा पाठ अनुष्ठान में करता आ रहा है, महुवा का फूल एक ही मौसम में पाया जाता है जिसके कारण आदिवासी समाज में यह प्रचलित विधान है कि महुवा का रस को भी पूजा पाठ में अपने देवी देवताओं को अर्पित किया जाय तो वह स्वीकार होती है, इस लिए आदिवासी क्षेत्रों में कच्चा महुवा का शराब को प्रति व्यक्ति पांच लीटर तक का रख सकता है एवं बना सकता है, इस तरह का छुट आबकारी एक्ट में राज्य सरकार प्रदान किया गया है, फिर भी अनेक बार घरघोड़ा पुलिस द्वारा ऐसे आदिवासी निर्दोष लोगों को पकड़ कर थाने ले आती है जो सिर्फ अपने आवश्यकता के लिए महुवा का शराब रखा हुआ है, और जो इसका अवैध व्यापार करता रहा हो उससे ले देकर मामला रफा-दफा कर लिया जाता है, सूत्र बताते हैं अधिकांश मामलों में जेल में सजा काट रहा आदिवासी व्यक्ति सिर्फ इस लिए जेल में हैं या पेशी जा रहा है क्योंकि उसके पास पुलिस वालों को देने के लिए पैसे नहीं थे, एक ओर आदिवासी जिलों में पेशा एक्ट लागू करने की बात राज्य सरकार कर रही वहीं इन क्षेत्रों में पेशा एक्ट के उलट सरकारी तंत्र आदिवासियों के अधिकारों का हनन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

#घरघोड़ा अंग्रेजी शराब दुकान में उजागर हो चुकी है लाखों रूपए का गबन का मामला एक साथ पुरे स्टाफ की हुई थी छुट्टी, लगातार हो रही मिलावटी शराब बेचने की शिकायत#

घरघोड़ा थाने में नव पदस्थ थाना प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कुमार मिंज की प्रारंभिक कार्यप्रणाली से क्षेत्रवासियों की उम्मीदें जगी थी, कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की बात रठने वाले टीआई की कार्यप्रणाली से आमजन नाखुश होने लगें हैं, एक ओर मेडिकल नशीले पदार्थों की खेप लगातार शहर के अंदर पहुंच रही हैं जिससे युवाओं की भविष्य खराब हो रही वहीं लगातार फार्मासिस्ट कोडिंग युक्त नशीले पदार्थों के अधिक सेवन से युवाओं की जान पर बन आई है, हाल ही घरघोड़ा नगर के बहुत से मामले अस्पताल में आ चुके जिससे मरीज ने अधिक मात्रा में नशीले पदार्थ का सेवन करते पाया गया जिससे उसके जान पर बन आई है, कुछ मामले में नशे में बेसुध होकर आत्महत्या करने का प्रयास किया जाना भी पाया गया है, फिर भी घरघोड़ा में नव पदस्थ निरीक्षक अपने साफ सुधरी छवि को बनाए रखने के चक्कर में थाने के हवलदार सिपाहीयों के कथनों पर कार्य करते हैं, जिसके कारण सिपाहियों को बाहरी कमाई का जरिया मिल गया है, अपने सुचना तंत्र में सिर्फ छोटे मोटे कमाऊ मामलों को प्राथमिकता में शामिल करते हैं, आमजन की शिक़ायत है कि टीआई प्रवीण मिंज को अनुभव की कमी के कारण उनके स्टाफ के सीनियर हवलदार थाने को चला रहे हैं, जिसके कारण जब से पदभार ग्रहण किया है तब से लेकर आज तक पुराने बड़े मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई है,अपनी धाक व शाक बचाए रखने के लिए सिर्फ माहौल बनाने का कार्य हो रहा है, वर्तमान में नगर के एक मात्र भट्टी के आस पास शराब सेवन करने वालों पर कार्रवाई कर जनता के बीच नाम बनाने की कोशिशें चल रही हैं, परन्तु खुलेआम शराब सेवन करने वालों के उपर कार्रवाही कर कितने बड़े भारतीय दंड संहिता की धारा पर कार्रवाई हो रही है, यह सब कार्रवाई छोटी एवं थाने के भीतर ही सिमट जाती है,आमजन इस तरह की कार्रवाई को पैसा कमाऊ कार्यप्रणाली समझती है, इस तरह के कार्यवाही पर हमेशा सवाल खड़ा होता रहा है, क्योंकि हमेशा देखा गया है पुलिस द्वारा भट्टी संचालनकर्ता मैनेजर या अपने चखने दुकान में बैठा कर पिलाने वाले मालिक के ऊपर कभी कार्रवाई नहीं होती है ना ही बड़े होटल ढाबा में छापा मारा जाता है, हमेशा छोटे जगहों पर जाकर निर्धन शराब पीने वालों को ही पुलिस पकड़ कर थाने लाती है और फाइन के नाम पर पैसे वसूल कर छोड़ देती है, पुलिस कार्रवाई में बड़े मुर्गु की तलाश होती है जिससे वह मोटी रकम वसूल कर सके, जाहिर है बड़े स्थानों में जाकर कार्रवाई करने में पुलिस प्रशासन बचती है इन स्थानों से मंथली पैकज बंधा होता है व ऐसे जगह में रसूखदार लोगों के ऊपर हाथ डालने से पुलिस बचती है, घरघोड़ा हाईवे में नियमों को दरकिनार कर आबकारी विभाग द्वारा भट्टी संचालित है, उस स्थान पर आहता की व्यवस्था नहीं होने शराबियों को ना चाहते हुए भी खुले जगह में मंदिरा पान करना पड़ता है, ऐसे स्थिति में पुलिसिया कार्रवाई कहा तक उचित माना जाये या तो सरकार शराब बेचना बंद कर दें या आबकारी विभाग उचित स्थान में शराब भट्टी खोलकर कर पीने वालों के आहता की व्यवस्था करे। घरघोड़ा थाने में नव पदस्थ निरीक्षक मिंज जब से पदभार ग्रहण किए हैं तब से भट्टी के आसपास पीने वालों को पकड़ कर थाने लाया जा रहा है जिससे शराब प्रेमियों में रोष बड़ा है इस तरह के कार्रवाई पर आपत्ति जाहिर कर मौलिक अधिकारों की सवाल खड़े कर रहे हैं। कानून का पालन जब सरकार ही नहीं कर रही है तब इस तरह कार्रवाई को ग़लत करार ठहराया जा रहा है, शराब सेवन करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, सार्वजनिक स्थलों पर शराब सेवन कर सौहार्द खराब करना या किसी तरह का कानून व्यवस्था में विघ्न डालने पर कार्रवाई हो बिना किसी तरह के जन आपत्ति के लगातार कार्रवाई किया जा रहा है, जबकि असंवैधानिक रूप से आबकारी विभाग शराब भट्टी का संचालन कर रहा है जिसकी शिकायत जनता द्वारा बार किया गया हो उसके प्रति पुलिस या प्रशासनिक तंत्र किसी तरह की कार्रवाई नहीं करती है, इस तरह के सवालों के कटघरे में सरकार व प्रशासनिक तंत्र को खड़ा किया जा रहा है अब देखना होगा पुलिस की कार्रवाई चरणबद्ध जारी रहती है या अनुचित स्थान पर संचालित भट्टी के खिलाफ ही लोग आंदोलित होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *