छत्तीसगढ़ में बाढ़ संकट: मध्यप्रदेश सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी 5 करोड़ की सहायता राशि, राहत सामग्री से भरी ट्रेन रवाना

भोपाल। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भयंकर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जलस्तर बढ़ने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है, वहीं प्रशासनिक और बचाव कार्य भी तेजी से जारी हैं। इस कठिन समय में मध्यप्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के साथ अपने सहयोग का आश्वासन दिया है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रभावित छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के लिए 5 करोड़ रुपये की सहायता राशि सीएम फंड से देने की घोषणा की है। इसके अलावा, राहत सामग्री से भरी एक विशेष ट्रेन भी मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सहयोग प्रधानमंत्री जी की भावना के अनुरूप है, जिसमें कहा गया है कि संकट के समय सभी सरकारें एक-दूसरे का सहयोग करें। पड़ोसी राज्य होने के नाते मध्यप्रदेश की सरकार ने भी तुरंत कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ खड़ा होने का संकल्प लिया है।
डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राहत सामग्री में जरूरी वस्तुएं जैसे खाने-पीने का सामान, कपड़े, दवाइयां और तात्कालिक जरूरत की अन्य वस्तुएं शामिल हैं। यह राहत सामग्री ट्रेन के माध्यम से दंतेवाड़ा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचाई जाएगी ताकि वहां फंसे लोगों को तत्काल सहायता मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर मध्यप्रदेश और अधिक सहायता राशि तथा संसाधन उपलब्ध कराएगा।
वहीं छत्तीसगढ़ के प्रशासन ने भी राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाते हुए प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य तेज कर दिया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आ रहे संपर्क संकट को दूर करने के लिए अतिरिक्त फोर्स को लगाया जा रहा है। मध्यप्रदेश से राहत सामग्री की ट्रेन के साथ जुड़े अधिकारियों का भी कहना है कि प्राथमिकता से उन इलाकों तक सामग्री पहुंचाई जाएगी, जहां सबसे ज्यादा जरूरत है।
इस संकट के समय दोनों राज्यों के बीच सहयोग का यह कदम जनमानस के लिए राहत की खबर बनकर सामने आया है। प्रधानमंत्री की भावना का पालन करते हुए दोनों राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर प्रभावित लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की बात कही है। ऐसे समय में एक-दूसरे का साथ देना ही मानवीयता की सर्वोच्च मिसाल बनता है।