गरियाबंद में बाघ की उपस्थिति से मचा हड़कंप, पांडुका रेंज में मिले पंजे के निशान, वन विभाग ने जारी किया हाई अलर्ट

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के पाण्डुका रेंज में अचानक बाघ की मौजूदगी से क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। वन विभाग को पाण्डुका रेंज के नागझर जंगल में बाघ के पैरों के निशान मिलने की सूचना मिली है। इससे इलाके के दर्जन भर गांव में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि हाल ही में पाण्डुका रेंज के जंगल में बाघ के पंजे के निशान पाए गए हैं। यह निशान विभिन्न स्थानों पर देखे गए हैं, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि बाघ लगातार इलाके में घूम रहा है। इसके चलते वन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है और आसपास के गांवों के लोगों को विशेष तौर पर सचेत रहने का निर्देश दिया गया है।
स्थानीय लोगों में भारी चिंता व्याप्त है। उन्होंने बताया कि कई दिन पहले से ही क्षेत्र में दो हाथियों के घूमने की खबरें सामने आ रही थीं। अब बाघ के निशान मिलने के बाद ग्रामीण डर के माहौल में जी रहे हैं। खासकर बच्चे और वृद्ध वर्ग विशेष रूप से सतर्क हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे जंगल के निकट जाने से पूरी तरह परहेज कर रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह बाघ सिंगपुर परिक्षेत्र, धमतरी जिले से नदी पार कर पाण्डुका रेंज में पहुंचा हो सकता है। यह इलाके की पारिस्थितिकी व्यवस्था में असामान्य गतिविधि मानी जा रही है। ऐसे में वन विभाग ने विशेष टीम बनाई है, जो लगातार गश्त कर रही है और बाघ के मूवमेंट पर नजर रख रही है। इसके साथ ही वन विभाग ने ग्रामीणों को सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी है।
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सलाह दी है कि वे जंगल की तरफ न जाएं और बच्चों को भी अकेला न छोड़ें। यदि बाघ दिखे तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें। इसके अलावा विभाग ने पाण्डुका रेंज में विशेष चौकियां भी स्थापित की हैं, ताकि समय पर बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
इस बीच प्रशासन भी अलर्ट मोड में है और स्थिति को गंभीरता से लेकर आवश्यक कदम उठा रहा है। आगामी दिनों में वन विभाग की टीम द्वारा बाघ की लोकेशन का पता लगाने और उसे सुरक्षित तरीके से जंगल में वापस छोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही यह खतरा टल जाएगा और उनका जीवन फिर से सामान्य हो जाएगा।